ये है मामला
उप्र पुलिस के अनुसार, 9 अक्टूबर की रात रामकुशल कुशवाहा पुत्र हुबलाल निवासी सकरौंहा थाना मानिकपुर अपने खेत में धान की रखवाली कर रहा था। तभी दो नकाबपोश वहां पहुंचे और खुद को बबुली कोल गिरोह का सदस्य बताने लगे। रामकुशल को धमकाते हुए दोनों ने पांच लाख रुपए की मांग की। रुपए का इंतजाम करने के लिए 10 दिन का समय भी बदमाशों ने दिया।
उप्र पुलिस के अनुसार, 9 अक्टूबर की रात रामकुशल कुशवाहा पुत्र हुबलाल निवासी सकरौंहा थाना मानिकपुर अपने खेत में धान की रखवाली कर रहा था। तभी दो नकाबपोश वहां पहुंचे और खुद को बबुली कोल गिरोह का सदस्य बताने लगे। रामकुशल को धमकाते हुए दोनों ने पांच लाख रुपए की मांग की। रुपए का इंतजाम करने के लिए 10 दिन का समय भी बदमाशों ने दिया।
थाने पहुंची शिकायत में निकले झोलाछाप बदमाश
पीडि़त किसान की शिकायत मिलने पर थाना मानिकपुर पुलिस ने दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 386, 341, 506 के तहत अपराध दर्ज कर लिया। एसपी चित्रकूट मनोज कुमार झा को खबर लगी तो उन्होंने मानिकपुर थाना प्रभरी केशव प्रसाद दुबे को टीम बनाकर बदमाशों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
पीडि़त किसान की शिकायत मिलने पर थाना मानिकपुर पुलिस ने दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 386, 341, 506 के तहत अपराध दर्ज कर लिया। एसपी चित्रकूट मनोज कुमार झा को खबर लगी तो उन्होंने मानिकपुर थाना प्रभरी केशव प्रसाद दुबे को टीम बनाकर बदमाशों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
बबुली के नाम का सहारा लिया
शनिवार को पुलिस टीम वन्य जीव अभ्यारण्य रानीपुर गेट के पास ऊंचाडीह पहुंची। वहां से महाबली पुत्र ननका प्रजापति निवासी रानीपुर को गिरफ्त में लेकर इसके पास से एक तमंचा व सात जिंदा कारतूस और छोटू प्रजापति पुत्र मंगला प्रजापति निवासी सकरौंहा के कब्जे से तमंचे के साथ दो जिंदा कारतूस जब्त किए गए। दोनों से पूछताछ की गई तो बताया कि पैसों की जरूरत होने पर उन्होंने डकैत बबुली कोल के नाम का सहारा लिया था।
शनिवार को पुलिस टीम वन्य जीव अभ्यारण्य रानीपुर गेट के पास ऊंचाडीह पहुंची। वहां से महाबली पुत्र ननका प्रजापति निवासी रानीपुर को गिरफ्त में लेकर इसके पास से एक तमंचा व सात जिंदा कारतूस और छोटू प्रजापति पुत्र मंगला प्रजापति निवासी सकरौंहा के कब्जे से तमंचे के साथ दो जिंदा कारतूस जब्त किए गए। दोनों से पूछताछ की गई तो बताया कि पैसों की जरूरत होने पर उन्होंने डकैत बबुली कोल के नाम का सहारा लिया था।