जइसन सबका अपने भाषा म गर्व है, गौरव है, हमू पंचे बघेलखंड म रहित थे, हमहू पंचेन का अपने भाषा से मोह है, गर्व है, गौरव है। बघेली भाषा उवा भाषा आय जउने म हिंदी के पहिल नाटक आनंद रघुनंदन लिखा गा, बघेली भाषा उवा भाषा आय, जउने म गोस्वामी तुलसीदास रामचरित मानस लिलिन हैं।
केवल अपना से हमार इया विनती हय कि अपना के माध्यम से हमार पंचेन के इया हमार पंचेन के गोहार सरकार तक पहुंचय, सदन के माध्यम से अपना सब लोगन के समर्थन मिलय अउर हमरेव इया भाषा का संविधान के 22वीं अनुसूची में शामिल कीन जाय, जउने भविष्य में केउ हमरे बघेलखंड के मनई इया सदन शपथ लेय चाहय त ओका रोका न जाय, टोका न जाय, इहय विनती करय खातिर हम इया सदन में खड़े भान हय, बहुत बहुत धन्यवाद।
मप्र के सात जिलों में बोली जाती है बघेली
सांसद अजय प्रताप सिंह ने कहा कि भाषा का एसे बहुत गौरव है अउर मप्र के सात जिला म बोली जात ही, इलाहाबाद, मिर्जापुर म अंश भाग म बोली जात ही, जबलपुर, कटनी और पन्ना जिला के अंश भाग म बोली जात ही, छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला म अंश भाग म बोली जात ही, लगभग एक करोड़ पचहत्तर लाख के आसपास लोग एखा बोलत हमय, अउर इया बहुत सरल भाषा है।