पंडित मोहन द्विवेदी बताते हैं कि इस बार बसंत पंचमी पर वैवाहिक जीवन के लिए प्रवर्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बनेगा। यही नहीं विवाह के लिए आवश्यक त्रिबल सिद्धि भी रहेगी। ज्योतिषियों के अनुसार परिणय सूत्र में बंधने के लिए यह दिन श्रेष्ठ है। बसंत पंचमी पर बने इस संयोग के चलते इस वर्ष बसंत पंचमी पर सैकड़ों जोड़े परिणय-सूत्र में बंधेंगे। सरस्वती पूजन का यह पर्व इस वर्ष 10 फरवरी को होगा। पंचमी तिथि नौ फरवरी रात 12 शुरू होगी। पंडित द्विवेदी के मुताबिक पूजा मुहूर्त सुबह सात बजे से लेकर दोपहर बारह बजकर 35 मिनट तक रहेगा।