एसपी ने फैक्ट्री से आए प्रतिनिधियों से उनके यहां की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए हैं कि फैक्ट्री के आवागमन के मार्गों पर सीसीटीवी कैमरा आवश्यक रूप से लगाएं। इसके साथ ही फैक्ट्री परिसर में खुलने वाले सभी गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात करें। सीमेंट फैक्ट्री के लिए कहा गया कि ब्लास्टिंग के पूर्व आसपास इलाकों में घोषणा कराएं ताकि ग्रामीणों को खतरे की जानकारी रहे। ब्लास्टिंग नियमों का पालन करते हुए इसकी वीडियोग्राफी कराई जाए। फैक्ट्री के कर्मचारी जैसे वाहनों के चालक, खलासी के अलावा सभी स्थाई एवं अस्थाई कर्मचारियों का पुलिस से वेरीफिकेशन कराएं। फैक्ट्री में सामान परिवहन करने वाले वाहनों का रिकॉर्ड रखना आवश्यक है। फैक्ट्री में आगजनी की घटना होने पर बचाव के लिए सुरक्षा अग्नि शमन यंत्र के उपयोग का मॉक ड्रिल होना चाहिए। ताकि घटना के वक्त इनका उपयोग कर बचाव किया जा सके। खदान से खनिज निकालने के बाद उसे बंद करना चाहिए या उस जगह को सुरक्षित करें ताकि कोई व्यक्ति खदान में प्रवेश नहीं कर पाए। उद्योगों के आस पास रहने वाले ग्रामीणों से संपर्क में रहें ताकि उद्योग से होने वाली उनकी समस्या का पता चल सके। फैक्ट्री प्रबंधकों को कहा गया कि सभी एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं जिसमें कंपनी के सुरक्षा प्रबंधक और थाना प्रभारी जुड़ेंगे। कंपनी पुलिस, जिला प्रशासन, वर्कर की कोर समिति बनाएंगे और महीने में बैठक आयोजित की जाएगी। प्राकृतिक और मानव निर्मित सभी आपदाओं के लिहाज से ड्रिल योजना पुलिस के साथ निष्पादित करें।