आपस में बात करते रहे
ंरिश्तो को पोषित करने के लिए लगातार संवाद बनाए रखना जरूरी होता है। आपस में बाते करने से सामने वाले व्यक्ति के जीवन के हर उतार चढ़ाव से अवगत होते रहना होता है। साथ ही सामने वाले को आप यह भी जताते हैं कि वो आपके लिए कितना मायने रखता है। कोई कितना भी दूर रहे आपसे पर आप उससे बात करना बंद मत करिए। अब तो दूर रहने वाले लोगों से भी बात करना आसान हो गया है। फ ोन, ईमेल, सोशल मीडिया किसी भी माध्यम का इस्तेमाल कर आप हर हाल में एक दूसरे से बात करते रहे।
प्रशंसा करना मत भूलें
हर किसी को यह पसंद होता है कि उसकी सराहना की जाए, जो जब भी सामने वाले में अच्छा लगे, आप दिल खोल कर उसकी सराहना करें। कई बार लोग प्रशंसा करना चाहते हैं पर कर नहीं पाते। इससे सामने वाले बुरा भी लग सकता है। यह सराहना मन में ही न रखे खुलकर बोले तभी तो उन्हें पता चलेगा।
ंरिश्तो को पोषित करने के लिए लगातार संवाद बनाए रखना जरूरी होता है। आपस में बाते करने से सामने वाले व्यक्ति के जीवन के हर उतार चढ़ाव से अवगत होते रहना होता है। साथ ही सामने वाले को आप यह भी जताते हैं कि वो आपके लिए कितना मायने रखता है। कोई कितना भी दूर रहे आपसे पर आप उससे बात करना बंद मत करिए। अब तो दूर रहने वाले लोगों से भी बात करना आसान हो गया है। फ ोन, ईमेल, सोशल मीडिया किसी भी माध्यम का इस्तेमाल कर आप हर हाल में एक दूसरे से बात करते रहे।
प्रशंसा करना मत भूलें
हर किसी को यह पसंद होता है कि उसकी सराहना की जाए, जो जब भी सामने वाले में अच्छा लगे, आप दिल खोल कर उसकी सराहना करें। कई बार लोग प्रशंसा करना चाहते हैं पर कर नहीं पाते। इससे सामने वाले बुरा भी लग सकता है। यह सराहना मन में ही न रखे खुलकर बोले तभी तो उन्हें पता चलेगा।
माफी मांगने में कोई हर्ज नहीं
माफी मांग लेने से आप छोटे नहीं हो जाते, बल्कि सामने वाले की नजर में आपका कद और ऊंचा हो जाता है। इसलिए यदि आपने जाने अंजाने में भी किसी का दिल दुखाया है तो बेहिचक उससे माफी मांग लें। इससे पता चलता है कि आपके लिए यह रिश्ता आपकी इगो से कहीं ज्यादा मायने रखता है।
माफी मांग लेने से आप छोटे नहीं हो जाते, बल्कि सामने वाले की नजर में आपका कद और ऊंचा हो जाता है। इसलिए यदि आपने जाने अंजाने में भी किसी का दिल दुखाया है तो बेहिचक उससे माफी मांग लें। इससे पता चलता है कि आपके लिए यह रिश्ता आपकी इगो से कहीं ज्यादा मायने रखता है।
हमेशा भरोसेमंद बनंे
वादा करके तोडऩा या अपनी बात का पक्का न रहना। किसी भी रिश्ते को कमजोर बनाता है। इसलिए अपनी छवि भरोसेमंद व्यक्ति की बनाएं रखे। संवदेना जताना भी जरूरी जब दूसरे के साथ कुछ बुरा हो वह पीड़ा में हो तब उसके प्रति संवेदना जताना बहुत जरूरी होता है। उसे यकीन दिलाएं कि इस घड़ी में वह अकेला नहीं है।
मददगार बनें
किसी का विश्वास जीतने का तरीका है उसकी मदद करना। यह जरूरी नहीं कि आप कोई बहुत बड़ी मदद करें। छोटी छोटी बातों में मदद की पेशकश करके भी आप सामने वाले का विश्वास जीत सकते हैं।
वादा करके तोडऩा या अपनी बात का पक्का न रहना। किसी भी रिश्ते को कमजोर बनाता है। इसलिए अपनी छवि भरोसेमंद व्यक्ति की बनाएं रखे। संवदेना जताना भी जरूरी जब दूसरे के साथ कुछ बुरा हो वह पीड़ा में हो तब उसके प्रति संवेदना जताना बहुत जरूरी होता है। उसे यकीन दिलाएं कि इस घड़ी में वह अकेला नहीं है।
मददगार बनें
किसी का विश्वास जीतने का तरीका है उसकी मदद करना। यह जरूरी नहीं कि आप कोई बहुत बड़ी मदद करें। छोटी छोटी बातों में मदद की पेशकश करके भी आप सामने वाले का विश्वास जीत सकते हैं।
बनावटी न बनें
सच्चे लोग अपने वास्तविक विचार भावनाएं दूसरों से साझा करते हैं वे जानते हैं उनमें खामियां भी है लेकिन उन्हें अपनी खामियां अपने करीबियों के सामने उजागर करने से कोई गुरेज नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्हें दूसरों को भी उनकी खामियां सहित स्वीकार करने में गुरेज नहीं होना चाहिए। जब दो लोग अपनी अपनी कमियों कमजोरियों को खुलकर स्वीकार करते हैं तो उनमें एक बेहतर बॉन्डिंग भी बनती है।
सच्चे लोग अपने वास्तविक विचार भावनाएं दूसरों से साझा करते हैं वे जानते हैं उनमें खामियां भी है लेकिन उन्हें अपनी खामियां अपने करीबियों के सामने उजागर करने से कोई गुरेज नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्हें दूसरों को भी उनकी खामियां सहित स्वीकार करने में गुरेज नहीं होना चाहिए। जब दो लोग अपनी अपनी कमियों कमजोरियों को खुलकर स्वीकार करते हैं तो उनमें एक बेहतर बॉन्डिंग भी बनती है।