बुलेट प्रूफ कार में आए भागवत जेड प्लस सुरक्षा पाने वाले पहले गैर राजनीतिक व्यक्ति संघ प्रमुख मोहन भागवत जबतक चित्रकूट के आरोग्य धाम में रहे तब तक वहां त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रही। मंगलवार को जब भागवत सड़क मार्ग से सतना के लिए रवाना हुए तो इस दौरान भी उन्हें सख्त सुरक्षा घेरे में सतना रेलवे स्टेशन तक लाया गया। सबसे आगे पायलट वाहन चल रहा था तो भागवत के वाहन के ठीक आगे जैमर वाहन था। जो किसी भी मोबाइल नेटवर्क या फ्रीक्वेंसी आधारित हमलों को निष्प्रभावी करता है। कुल सीआईएसएफ के 20 कमांडों का दल उनके साथ था। भागवत को सतना तक बुलेट प्रूफ वाहन में लाया गया। उनके वाहन में भी कमांडो साथ चल रहे थे। इस कार्यक्रम में 45कमांडो का दल पूरी सुरक्षा व्यवस्था देख रहा था। जिसमें कुछ प्रत्यक्ष तौर पर थे तो कुछ बैकअप के रूप में काम कर रहे थे। कमांडो एमपी5 व एके-47 के साथ ग्लॉक पिस्टल से लैस थे। साथ ही एक कमांडों सूटकेस के आकार में एक बुलेट प्रूफ शील्ड लेकर चल रहा था जो आपात स्थिति में खुल कर फैल जाता है जिससे गोली अंदर नहीं जा पाती है।
स्टेशन में अलग लाइन भागवत के आगमन को देखते हुए पूरे रेलवे स्टेशन में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था। उनके आने के दो घंटे पहले स्टेशन में बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वाड पूरे स्टेशन और संदिग्ध दिखने वाली वस्तुओं की तलाशी ले चुका था। स्टेशन के बाहर वीआईपी लेन पूरी तरह से खाली कराई जा चुकी थी और काफी संख्या में जवान तैनात थे। स्टेशन में भागवत को जिस हिस्से से गुजरना था पूरी अलग लेन कर दी गई थी। यहां किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं थी।
टिकट धारियों को नहीं मिला प्रवेश भागवत की सुरक्षा के दौरान स्टेशन के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिस अधिकारी और कर्मी रेलवे यात्रियों के अधिकारों को भी हाशिये पर रख दिया था। हालात तो यह थे कि जिस ट्रेन से भागवत को जाना था उसी ट्रेन के यात्रियों को प्लेटफार्म में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था। हालात यह थे कि उन्हें कहा गया कि जब ट्रेन आ जाएगी तब प्रवेश देंगे। जबकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसे लेकर द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाया गया था। जिससे यात्रियों को प्रवेश दिया जा सकता था। लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां से भी किसी को नहीं गुजरने दिया गया। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पडा। इसको लेकर कई बार नोंक झोंक की भी स्थिति बनी।
एसपी की गाड़ी करवाई किनारे भागवत के पहुंचने के पहले पुलिस अधीक्षक भी स्टेशन पहुंच गए थे। इस दौरान उनका वाहन वीआईपी लेन में मोहन भागवत के तय रूट पर खड़ा हुआ था। तभी यहां की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे विशेष अफसर ने इस वाहन को वहां से जाने कहा। इस पर एसपी के चालक ने वाहन को थोड़ा आगे ले जाकर उसी लेन पर खड़ा कर दिया। थोड़ी देर बाद वही अफसर फिर आया तो वहां वाहन देख तल्खी दिखाई और वाहन को इस लेन से हटा कर अलग फव्वारे के पास खड़ा करवाया। इसके बाद जब यहां कलेक्टर पहुंचे तो उनके प्लेटफार्म पर जाते ही उनका वाहन भी किनारे खड़ा करवा दिया गया।
सेनेटाइज हुआ कूपा, डॉग स्क्वाड ने की जांच संघ प्रमुख मोहनभागवत का ट्रेन में जो कूपा आरक्षित किया गया था उसे सतना स्टेशन पहुंचने के पहले सेनेटाइज किया गया था। साथ ही कूपे की डॉग स्क्वाड ने भी जांच की। जेड प्लस सिक्योरिटी के मद्देनजर उनका यात्रा प्रोटोकॉल भी काफी सख्त है। ट्रेन में भागवत से साथ कूपे में तो कमांडो चढ़े ही साथ ही उनके आगे और पीछे के डिब्बे में भी कुछ कमांडो मौजूद रहे। इसके साथ ही आरपीएफ का दस्ता भी इस डिब्बे में बाह्य सुरक्षा के लिए साथ गया है।