बता दें कि भिलाई जेपी प्लांट बाबूपुर प्रबंधन ने मनमाने तरीके से 200 श्रमिकों काम से निकाल दिया। इसके बाद वो फैक्ट्री के परिसर में ही अऩशन पर बैठ गए। उनके समर्थन में फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी भी आ गए। वो अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद निकाले गए उन कर्मचारियों के समर्थन में प्रतीकात्मक अनशन करने लगे। आरोप है कि यह फैक्ट्री प्रबंधन को नागवार गुजरा तो उन्होंने फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का भोजन-पानी बंद करने की कोशिश की।
अनशन के दूसरे दिन बुधवार को फैक्ट्री प्रबंधकों द्वारा कार्यरत कर्मचारियों का भोजन-पानी बंद होने की सूचना दोपहर में सतना विधायक सिद्घार्थ कुशवाहा को मिली तो उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की। उसके बाद पुलिस अधीक्षक ने मौके पर कोलगवां टीआई मोहित सक्सेना को भेजा, तब जाकर अंदर बैठे कर्मचारियों (प्रतीकात्मक अनशन करने वाले) तक भोजन पहुंचाया जा सका।
इस मामले में विधायक ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा इस तरह का तानाशाही रवैया जब हम सभी की मौजूदगी में किया जा रहा है तो इन गरीब श्रमिकों पर किस तरह के अत्याचार फैक्ट्री प्रबंधन कर रहा होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि फैक्ट्री को अपना काम करना है तो श्रमिकों को दिए गए उनके अधिकारों का हनन बंद करना होगा। बिना किसी भेदभाव के उन्हें काम पर रखना ही होगा। कहा कि जब तक उनकी बहाली नही होती अनशन जारी रहेगा। फैक्ट्री प्रबंधन को जो हथकंडे अपनाने हो अपना सकता है।