अनमोल ऐप बना कारण
दरअसल, महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टेबलेट प्रदान किया गया है। उन्हें अनमोल ऐप के माध्यम से लक्ष्य दंपती, गर्भवती, शिशुओं का पंजीयन और अपडेशन किया जाना है। मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की डाटा एंट्री विभागीय ऑपरेटर द्वारा की जा रही है पर पंजीयन और अपडेशन में जमकर लापरवाही सामने आई।
राज्यस्तरीय समीक्षा में हुआ खुलासा
6 अक्टूबर को संचालनालय स्तर पर आरसीएच पोर्टल की समीक्षा की गई। इसमें पंजीयन और अपडेशन में जमकर लापरवाही करना पाया गया। जिले की स्थिति प्रदेश में 45वंे पायदान पर मिली। मिशन संचालक ने लापरवाही पर सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया को आड़े हाथ लिया। इसके बाद सीएमएचओ ने जिले के सभी बीपीएम, बीसीएम और डीइओ के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है।
65 फीसदी प्रगति तभी मिलेगा वेतन
सीएमएचओ ने चेतावनी दी है कि आरसीएच पोर्टल पर वर्ष 2017-18 और 2018-19 के हितग्राहियों का पंजीयन और अपडेशन 65 प्रतिशत होना चाहिए। यह प्रगति 10 दिनों के अंदर दर्ज की जानी चाहिए तभी कर्मचारियों को वेतन भुगतान के आदेश जारी किए जाएंगे।
एएनएम, एमपीडब्ल्यू को निलंबन की चेतावनी
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता एएनएम, एमपीडब्ल्यू को आरसीएच पोर्टल प्रपत्र भरकर विकासखंड मुख्यालय पर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों को वेतनवृिद्ध रोकने और निलंबन की चेतावनी दी है।