बिग एक्सपोज: पुलिस रिकॉर्ड में फरार इनामी डकैत मनरेगा में कर रहा मजदूरी!
सतनाPublished: Feb 18, 2021 12:09:53 pm
दस्यु गौरी यादव गिरोह का सदस्य है आरोपी, मप्र व उप्र की पुलिस कर रही है तलाश, पंचायत में ही मजदूरी कर रहा इनामी डकैत
Big Expos: Dacoit absconding in police records doing wages in MNREGA
सतना. पुलिस रिकॉर्ड में फरार एक इनामी डकैत द्वारा मनरेगा योजना में मजदूरी किए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पता चला है कि इस बदमाश की तलाश मप्र के सतना जिले की पुलिस के अलावा उप्र की चित्रकूट पुलिस को भी है। यह कोई सामान्य अपराधी नहीं है बल्कि मौजूदा समय में उप्र और मप्र के इलाकों में सक्रिय डेढ़ लाख के इनामी डकैत गौरी यादव गिरोह का खास सदस्य है।
फरारी में पेश है चालान
9 महीने पहले 16 मई 2020 को जिले के मझगवां थाना में ग्राम जिल्लहा निवासी सौखी लाल कोरी पुत्र बेला कोरी ने रंगदारी वसूली के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कुख्यात इनामी डकैत गौरी यादव समेत अवधेश यादव, मोनू गुप्ता, हीरालाल यादव, रामजी यादव, रामभवन मवासी उर्फ उरमलिया एवं भालचंद्र यादव के खिलाफ अपराध क्रमांक ३८/२०२० में आइपीसी की धारा 386, 387 एवं 11/13 एडी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस अपराध के आरोपी गौरी यादव, रामजी यादव एवं भालचंद्र यादव का फरारी में 5 अक्टूबर 2020 को न्यायालय में चालान पेश किया गया था।
उप्र में नाम है पाण्डेय
सूत्र बताते हैं कि रंगदारी वसूली के अपराध का आरोपी भालचंद्र यादव पुत्र रामअवतार यादव मझगवां थाना क्षेत्र के ग्राम पड़मनिया जागीर का रहने वाला है। डकैत गौरी यादव गिरोह के इस सदस्य पर 5 हजार रुपए का इनाम सतना पुलिस ने घोषित किया है। भालचंद्र यादव उर्फ पाण्डेय को उप्र पुलिस ने भी डकैतों की सूची में शामिल कर लिया है। इसे उप्र के इलाके में पाण्डेय के नाम से ही जाना जाता है।
अपनी ही पंचायत में कर रहा मजदूरी
एक तरफ जहां बीते लगभग 9 माह से पुलिस भालचंद्र यादव को तलाश रही है वहीं दूसरी ओर मझगवां विकासखंड की ग्राम पंचायत पड़मनिया जागीर से सामने आए दस्तावेज इस बात की गवाही दे रहे हैं कि भालचंद्र यादव मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत में मजदूरी कर रहा है, इस मजदूरी का उसे पारिश्रमिक भी दिया जा रहा है।
बना हुआ है जॉब कार्ड
ग्राम पंचायत में भालचंद्र का जॉब कार्ड बना हुआ है जिसका नंबर एमपी 12-001-096-004/63ए तथा फैमिली आइडी 63ए है। 16 मई 2020 की वारदात से फरार जिस भालचंद्र यादव का फरारी में 5 अक्टूबर 2020 को चालान पेश किया गया उसने बीते साल 2020 में 9 से 22 अक्टूबर, 23 से 29 अक्टूबर, 31 अक्टूबर से 13 नवंबर एवं 6 दिसंबर से 19 दिसंबर तक मंदाकिनी नदी कंटूर ट्रेंच निर्माण काली दाई बगार क्रमांक 3 पड़मनिया जागीर में मनरेगा योजना के तहत काम किया है। इस काम के बदले उसे हर बार 2280 रुपए का भुगतान भी हुआ है। इन कामों की डिमांड आइडी 582433, 624934, 654570 एवं 785533 है।
पंचायत पर खड़े हो रहे सवाल
सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत पड़मनिया के रोजगार सहायक हेमराज यादव की मेहरबानी से भालचंद्र यादव और उसकी पत्नी नथुनिया यादव को मनरेगा योजना में पिछले लंबे अरसे से लगातार काम मिल रहा है और उस काम का भुगतान भी हो रहा है। हेमराज यादव वही रोजगार सहायक हैं जिन्हें 7 अगस्त 2020 को तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रिजु बाफना द्वारा हितग्राही सुदामा प्रसाद एवं मिठाई लाल को गलत तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था। हालांकि बताते हैं कि अब तक हेमराज यादव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यही वजह है कि भालचंद्र यादव के पुलिस रिकॉर्ड में फरार रहने के दौरान उसके नाम पर मजदूरी किए जाने का विषय सामने आने पर ग्राम रोजगार सहायक हेमराज यादव की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग गया है। सवाल हो रहा है कि अगर वाकई भालचंद्र यादव कुख्यात इनामी डकैत गौरी यादव का साथी है और वारदात करके फरार है तो उसके नाम पर जॉब कार्ड कैसे बना? अगर पूर्व से जॉब कार्ड बना था तो उसे आपराधिक वारदात के बाद रद्द क्यों नहीं किया गया? सूत्र बताते हैं कि जो जॉब कार्ड जारी किया गया है उसमें भालचंद्र को मुखिया बताया गया है लेकिन फोटो महिला की लगाई गई है। प्रश्न है कि अगर भालचंद्र फरार है तो क्या पंचायत के लोगों ने उसके नाम की मजदूरी हड़पने का फर्फवाड़ा किया है या डकैत गौरी यादव और भालचंद्र यादव के दबाव में फर्जी मजदूरी का भुगतान हुआ है? अगर मजदूरी का फर्जी भुगतान नहीं है तो इस फरारी अपराधी की सूचना सरपंच और ग्राम सहायक समेत अन्य पंचायत पदाधिकारियों द्वारा पुलिस को क्यों नहीं दी गई? क्या ग्राम रोजगार सहायक हेमराज यादव द्वारा सजातीय डकैतों का अप्रत्यक्ष तौर से सहयोग किया जा रहा है?