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रामनगर में हुआ जमीन का बड़ा फर्जीवाड़ा, 400 लोगों को सरकारी जमीन के बांटे फर्जी पट्टे

locationसतनाPublished: Nov 17, 2019 01:04:30 pm

Submitted by:

suresh mishra

बाणसागर के कर्मचारी और दलालों की मिलीभगत से हुआ बड़ा खेल

Big fraud of land in Ramnagar: Fake leases distributed to 400 people

Big fraud of land in Ramnagar: Fake leases distributed to 400 people

सतना/ जमीन घोटालों और गड़बड़झालों के लिए बदनाम जिले में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बाणसागर के कुछ कर्मचारियों ने अपने बिचौलियों के माध्यम से 400 फर्जी पट्टे बांट दिए हैं। हद तो यह हो गई कि इन फर्जी पट्टों को दिलाने के नाम पर किसानों और डूब प्रभावितों से 10 से 50 हजार रुपए तक की वसूली भी की गई। फर्जी पट्टों का मामला तब सामने आया जब किसान इन पट्टों को लेकर जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे तो वहां के मूल पट्टाधारियों ने अपने असली पट्टे दिखाते हुए इनके फर्जी पट्टों की पोल खोल दी। अब पीडि़त किसान इधर से उधर भटक रहे हैं।
बाणसागर डैम के जलभराव क्षेत्र में आने वाले परिवारों को रहने के लिए शासन ने कई आदर्श ग्राम बनाकर वहां उन परिवारों को रिहायशी पट्टे दिए थे। इस दौरान काफी संख्या में पात्र लोग पट्टा पाने से वंचित रह गए थे। वे लोग भी वंचित रह गए थे जो परिवार के वयस्क सदस्य थे और उन्हें नियमानुसार कथित तौर पर पट्टा वितरण किया जाना था।
बाद में बाणसागर परियोजना के भू-अर्जन अधिकारी द्वारा ऐसे लोगों को पट्टा वितरण किया भी गया। इसी में से कई ऐसे लोग जो अपना आवेदन दिए थे लेकिन उन्हें पट्टा नहीं मिल सका था, उनके पास बाणसागर भू-अर्जन अधिकारी का कथित बिचौलिया सुरेश पटेल पहुंचा। उसने दावा किया कि अगर कुछ राशि ऊपरी तौर पर दोगे तो पट्टा दिलवा दिया जाएगा।
एस प्लॉट के नाम पर हुआ खेल
पीडि़तों ने बताया कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड रामबहोर पटेल है। वह बाणसागर परियोजना का कर्मचारी है। इसका बिचौलिया सुरेश पटेल जमीन पर खेल को अंजाम देता था। रामबहोर को पट्टा मांगने वालों की जानकारी मिल जाती थी और उसके पास सभी आदर्श ग्रामों का पूरा नक्शा प्लाटवार मौजूद रहे। नक्शे में जो प्लाट उठे हैं उनका उल्लेख है और जो खाली पड़े हैं उनमें एस प्लॉट लिखा है। इन्हीं प्लाटों के नंबर डालकर लोगों को फर्जी पट्टे बांट दिए गए।
झांसे में आए लोग
सुरेश के झांसे में लगभग 400 की संख्या में लोग आ गए। सभी ने 15 हजार से 50 हजार रुपए तक की राशि उसे दी। राशि लेने के बाद सुरेश ने उन्हें बाणसागर के आदर्श ग्राम मिरगौती के पट्टे बांट दिए। यह पूरा खेल दिसंबर में हुआ। इसके बाद सुरेश ने उन्हें फर्जी जमीन दिखा दिया। बाद में जब इनके द्वारा कब्जा चाहा जाता रहा तो सुरेश कोई न कोई बहानेबाजी कर टाल देता। जब कुछ लोग अपने निर्माण कराने के लिए पट्टे वाली जमीन पर पहुंचे तो वहां के मूल पट्टे धारक सामने आ गए। इसके बाद इन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला।
जुबां पर आया दर्द
हम डूब क्षेत्र के हैं। हमारी जमीन जाने पर सिर्फ पिताजी को पट्टा मिला था। लेकिन चाचा, हमारे बड़े भाई और हमें पट्टा नहीं मिला था। कई बार आवेदन दिए। इसी बीच सुरेश पटेल आया और कहा कि 15 हजार लगेगा और आपको पट्टा मिल जाएगा। झांसे में आकर राशि दे दी और कुछ दिन बाद सुरेश पट्टा दे गया। अब कब्जा लेने गए तो पता चला कि वह फर्जी है।
प्रेम सोनी
हमें डूब क्षेत्र का पट्टा नहीं मिला था। लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। कई लोगों को बाद में पट्टा बंट गया। हम लोग परेशान घूम रहे थे। तभी सुरेश पटेल हमारे पास आया और 15 हजार प्लाट दिलाने के मांगे और कहा कि राशि मिलते ही प्लाट मिल जाएगा। राशि देने पर उसने पट्टा दे दिया। लेकिन आज तक कब्जा नहीं मिला। अब लोग पट्टा फर्जी बता रहे हैं।
सुनीता कहार
सुरेश हमारे पास आकर बोला कि मेरे ससुर ने अपना प्लाट मुझे दे दिया है। दस्तावेज दिखाए। फिर उसने 50 हजार में रामसुमरन पटेल के नाम वाला पट्टा मुझे बेच दिया। जब प्लाट में कब्जा लेने पहुंचे तो वहां मिले रामसुमिरन ने बताया कि न तो उसने कोई प्लाट बेचा है न ही कोई दस्तावेज बनवाए हैं। जो भी दिया गया है वह फर्जी है और कागजात भी फर्जी है। उन्होंने अपना असली पट्टा भी दिखाया।
ज्ञानीश सोनी
इसकी जांच कराई जाएगी। जिसकी भी भूमिका इस इसमें गलत होगी उन पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सतेन्द्र सिंह, कलेक्टर

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