लाइसेंस हो सकता है वापस
यदि यही हाल रहा तो इन बैंकों से भारतीय रिजर्व बैंक बैंकिंग कारोबार करने का लाइसेंस भी वापस ले सकता है। कुल मिलाकर इन बैंकों के सामने करो या मरो जैसे हालात बन गए हैं। इन्हें खुद अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। बताया गया कि सतना के सहकारी बैंक 29 करोड़ व रीवा के बैंक 68 करोड़ के घाटे में हैं। इसी तरह पन्ना व सीधी की स्थिति भी डांवाडोल बनी हुई है।
यदि यही हाल रहा तो इन बैंकों से भारतीय रिजर्व बैंक बैंकिंग कारोबार करने का लाइसेंस भी वापस ले सकता है। कुल मिलाकर इन बैंकों के सामने करो या मरो जैसे हालात बन गए हैं। इन्हें खुद अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। बताया गया कि सतना के सहकारी बैंक 29 करोड़ व रीवा के बैंक 68 करोड़ के घाटे में हैं। इसी तरह पन्ना व सीधी की स्थिति भी डांवाडोल बनी हुई है।
प्रदेशभर में किसान कर्जदार
मध्यप्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों का किसानों के ऊपर करीब 18 हजार 557 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है। केवल सतना जिले में आंकड़ा 350 करोड़ के आसपास है। यदि वसूली नहीं हुई तो बैंकों में आर्थिक संकट के हालात बन सकते हैं।
मध्यप्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों का किसानों के ऊपर करीब 18 हजार 557 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है। केवल सतना जिले में आंकड़ा 350 करोड़ के आसपास है। यदि वसूली नहीं हुई तो बैंकों में आर्थिक संकट के हालात बन सकते हैं।
मौसम की मार सहकारिता पर
सूत्रों के मुताबिक, बीते तीन साल में खेती के अनुकूल मौसम नहीं होने से बैंकों की वसूली बुरी तरह प्रभावित हुई है। किसानों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने कर्ज की मियाद तो अल्पावधि से बढ़ाकर मध्यावधि कर दी पर इसका असर बैंकों की वित्तीय स्थिति पर पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, बीते तीन साल में खेती के अनुकूल मौसम नहीं होने से बैंकों की वसूली बुरी तरह प्रभावित हुई है। किसानों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने कर्ज की मियाद तो अल्पावधि से बढ़ाकर मध्यावधि कर दी पर इसका असर बैंकों की वित्तीय स्थिति पर पड़ा।
बयान चिंता बढ़ाने वाले
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक आरके शर्मा का कहना है, नाबार्ड ने आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। इन्हें रि-फाइनेंस (पुनर्वित्त) नहीं मिलेगा। मार्च 2017 की स्थिति में सतना, रीवा सहित प्रदेश के भिंड, दतिया, भोपाल, रीवा, और टीकमगढ़ बैंक संचित हानि में रहे हैं।
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक आरके शर्मा का कहना है, नाबार्ड ने आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। इन्हें रि-फाइनेंस (पुनर्वित्त) नहीं मिलेगा। मार्च 2017 की स्थिति में सतना, रीवा सहित प्रदेश के भिंड, दतिया, भोपाल, रीवा, और टीकमगढ़ बैंक संचित हानि में रहे हैं।
वसूली मात्र 25 फीसदी
सतना और रीवा में बैंकों की वसूली 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हुई। इस कारण इनकी नेटवर्थ नकारात्मक स्थिति में पहुंच गई। रीवा बैंक के हालात सबसे खराब हैं। कुल मिलाकर इन बैंकों को अब दूसरे किसी माध्यम से वित्तीय संसाधन नहीं मिल पाएंगे। इन्हें खुद ही अपनी वसूली बढ़ाकर खुद को मजबूत करना होगा।
सतना और रीवा में बैंकों की वसूली 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हुई। इस कारण इनकी नेटवर्थ नकारात्मक स्थिति में पहुंच गई। रीवा बैंक के हालात सबसे खराब हैं। कुल मिलाकर इन बैंकों को अब दूसरे किसी माध्यम से वित्तीय संसाधन नहीं मिल पाएंगे। इन्हें खुद ही अपनी वसूली बढ़ाकर खुद को मजबूत करना होगा।