हो चुके हैं भारमुक्त
संतोष गुप्ता 8 अगस्त को चाकघाट मंडी से सतना मंडी के लिए भारमुक्त हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्होंने अभी तक ज्वॉइनिंग नहीं दी। मंडी सूत्रों ने बताया कि चार माह पूर्व नागौद मंडी में सेवा दे चुके नए सचिव सतना मंडी में सेवा देने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने एमडी मंडी बोर्ड को पत्र लिखकर सतना मंडी को चलाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए स्थानांतरण निरस्त करने की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि नए सचिव के पत्र का अभी एमडी ने कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए चाकघाट मंडी से भारमुक्त होने के बावजूद सतना मंडी की कमान नहीं संभाली।
संतोष गुप्ता 8 अगस्त को चाकघाट मंडी से सतना मंडी के लिए भारमुक्त हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्होंने अभी तक ज्वॉइनिंग नहीं दी। मंडी सूत्रों ने बताया कि चार माह पूर्व नागौद मंडी में सेवा दे चुके नए सचिव सतना मंडी में सेवा देने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने एमडी मंडी बोर्ड को पत्र लिखकर सतना मंडी को चलाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए स्थानांतरण निरस्त करने की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि नए सचिव के पत्र का अभी एमडी ने कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए चाकघाट मंडी से भारमुक्त होने के बावजूद सतना मंडी की कमान नहीं संभाली।
कोई सचिव कमजोर नहीं होता, परिस्थितियां बना देती हैं
नए सचिव संतोष गुप्ता ने सतना मंडी की कमान थामने से पहले पत्रिका से विशेष चर्चा में कहा, कोई सचिव कमजेार नहीं होता। कई बार मंडी की परिस्थितियां उन्हें कमजोर बना देती हैं। उनसे जब यह पूछा गया कि आप सतना मंडी कब ज्वॉइन कर रहे हैं, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। कहा, मैंने एमडी को पत्र लिखा है। उनके दिशा निर्देश का इंतजार कर रहा है। बोर्ड से नए निर्देश मिलने के बाद ही आगे कोई निर्णय लूंगा। जब नए सचिव से सतना मंडी में राजनीतिक दखल की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि सतना मंडी में मंडी समिति का दखल बहुत अधिक है। इसलिए कोई भी सचिव वहां पर काम नहीं करना चाहता।
अब सुकून चाहता हूं
सचिव मंडी का प्रशासनिक अधिकारी होता है। कोई मंडी समिति के लिए गले में पट्टा डालकर मंडी का संचालन नहीं कर सकता। एक सवाल के जवाब में गुप्ता ने कहा कि नौकरी के 60 साल पूरे हो गए हैं। अब ए ग्रेड मंडी चलाने की कोई लालसा नहीं है। नौकरी के अंतिम पड़ाव में सुकून से रहना चाहता हूं।
सचिव मंडी का प्रशासनिक अधिकारी होता है। कोई मंडी समिति के लिए गले में पट्टा डालकर मंडी का संचालन नहीं कर सकता। एक सवाल के जवाब में गुप्ता ने कहा कि नौकरी के 60 साल पूरे हो गए हैं। अब ए ग्रेड मंडी चलाने की कोई लालसा नहीं है। नौकरी के अंतिम पड़ाव में सुकून से रहना चाहता हूं।