नकाब छोड़ हेलमेट लगाएं
नकाब के बारे में पत्रिका ने कई लोगों से बात की। ज्यादातर जवाब यही मिला कि धूल और धूप से बचाव के लिए लड़कियां दुपट्टे या स्कार्फ से चेहरा ढंक लेती हैं। लेकिन, लड़कियों की तरह अब लड़के भी चेहरे को ढक कर अपनी पहचान छिपाने लगे हैं। जागरुक लोगों का कहना यह भी है कि धूल और धूप से बचने के लिए दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाएं, तो सड़क हादसों से भी सुरक्षित रहेंगे। एक बात यह भी कि ठंड और बरसात के मौसम में भी चेहरों से नकाब नहीं हटते। ऐसे में इन पर कार्रवाई जरूरी है।
नकाब के बारे में पत्रिका ने कई लोगों से बात की। ज्यादातर जवाब यही मिला कि धूल और धूप से बचाव के लिए लड़कियां दुपट्टे या स्कार्फ से चेहरा ढंक लेती हैं। लेकिन, लड़कियों की तरह अब लड़के भी चेहरे को ढक कर अपनी पहचान छिपाने लगे हैं। जागरुक लोगों का कहना यह भी है कि धूल और धूप से बचने के लिए दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाएं, तो सड़क हादसों से भी सुरक्षित रहेंगे। एक बात यह भी कि ठंड और बरसात के मौसम में भी चेहरों से नकाब नहीं हटते। ऐसे में इन पर कार्रवाई जरूरी है।
पुलिस नहीं देती ध्यान
वाहन चेकिंग के वक्त पुलिस का पूरा ध्यान हेलमेट और सीट बेल्ट पर होता है। इस बीच अगर बाइक या स्कूटर सवार महिला-पुरुष पूरे चेहरे को नकाब से ढके मिलते हैं तो उन्हें टोका भी नहीं जाता। बस इस बात को गौर किया जाता है कि जुर्माना राशि मिले और कोई कुछ भी करता रहे। जबकि मौजूदा हालातों और जिले में घटित हो रहे अपराधों को ध्यान में रखते हुए पुलिस को इन नकाबपोशों को भी कार्रवाई के दायरे में लेना जरूरी है।
वाहन चेकिंग के वक्त पुलिस का पूरा ध्यान हेलमेट और सीट बेल्ट पर होता है। इस बीच अगर बाइक या स्कूटर सवार महिला-पुरुष पूरे चेहरे को नकाब से ढके मिलते हैं तो उन्हें टोका भी नहीं जाता। बस इस बात को गौर किया जाता है कि जुर्माना राशि मिले और कोई कुछ भी करता रहे। जबकि मौजूदा हालातों और जिले में घटित हो रहे अपराधों को ध्यान में रखते हुए पुलिस को इन नकाबपोशों को भी कार्रवाई के दायरे में लेना जरूरी है।
छिपाते हैं पहचान
कई युवक और युवतियां अपनी पहचान छिपाने के मकसद से ही चेहरे को नकाब से ढकते हैं। नई पीढ़ी में इसका चलन ज्यादा है। परिजन भी बच्चों को ऐसा करने से नहीं रोकते। पुलिस ने भी कभी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। घर से ही इसकी पहल होना चाहिए। युवक और युवतियों के परिजनों को ही इस गंभीर मुद्दे को समझते हुए ध्यान देने की जरूरत है, ताकि फैशन बन चुका नकाब किसी साजिश का हिस्सा न बने।
कई युवक और युवतियां अपनी पहचान छिपाने के मकसद से ही चेहरे को नकाब से ढकते हैं। नई पीढ़ी में इसका चलन ज्यादा है। परिजन भी बच्चों को ऐसा करने से नहीं रोकते। पुलिस ने भी कभी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। घर से ही इसकी पहल होना चाहिए। युवक और युवतियों के परिजनों को ही इस गंभीर मुद्दे को समझते हुए ध्यान देने की जरूरत है, ताकि फैशन बन चुका नकाब किसी साजिश का हिस्सा न बने।
चेहरे को गमछे, दुपट्टे से नकाब की तरह ढकने वालों पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना प्रभारियों को इस संबंध में आदेश दिए जा रहे हैं।
गौतम सोलंकी, एडिशनल एसपी
गौतम सोलंकी, एडिशनल एसपी