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कहीं इस नकाब के पीछे कोई साजिश तो नहीं, अपराध रोकने पुलिस को बरतनी होगी गंभीरता

locationसतनाPublished: Feb 17, 2019 04:05:08 pm

Submitted by:

suresh mishra

आए दिन हो रहीं लूट-अपहरण की वारदातें

bike sawar naqab kyo pahnte hai

bike sawar naqab kyo pahnte hai

सतना। नकाबपोश होना एक तरह का फैशन बन गया है। यही वजह है कि शहर में इन दिनों नकाबपोशों की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले कभी युवतियों के चेहरों पर ही नकाब नजर आते थे, लेकिन अब युवक भी पूरा चेहरा ढक कर बाइक से फर्राटे मार रहे हैं। हाल ही में चित्रकूट से जुड़वां बच्चों के अपहरण की वारदात को अंजाम देने वाले भी नकाबपोश थे। अपहरण की इस वारदात के कुछ घंटों बाद ही शहरी इलाके में पेट्रोल पंप कर्मचारियों से साढ़े 4 लाख रुपए लूटने वाले तीनों बदमाशों ने चेहरे पर नकाब पहना हुआ था। दोनों वारदातों में शामिल बदमाश भीड़ वाले इलाके और पुलिस की मौजूदगी के बीच से होकर गुजरे बावजूद किसी को कोई शक नहीं हुआ। इन दोनों घटनाओं को देखने के बाद यह कहना लाजमी होगा कि कही नकाब के पीछे कोई साजिश तो नहीं?
नकाब छोड़ हेलमेट लगाएं
नकाब के बारे में पत्रिका ने कई लोगों से बात की। ज्यादातर जवाब यही मिला कि धूल और धूप से बचाव के लिए लड़कियां दुपट्टे या स्कार्फ से चेहरा ढंक लेती हैं। लेकिन, लड़कियों की तरह अब लड़के भी चेहरे को ढक कर अपनी पहचान छिपाने लगे हैं। जागरुक लोगों का कहना यह भी है कि धूल और धूप से बचने के लिए दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाएं, तो सड़क हादसों से भी सुरक्षित रहेंगे। एक बात यह भी कि ठंड और बरसात के मौसम में भी चेहरों से नकाब नहीं हटते। ऐसे में इन पर कार्रवाई जरूरी है।
पुलिस नहीं देती ध्यान
वाहन चेकिंग के वक्त पुलिस का पूरा ध्यान हेलमेट और सीट बेल्ट पर होता है। इस बीच अगर बाइक या स्कूटर सवार महिला-पुरुष पूरे चेहरे को नकाब से ढके मिलते हैं तो उन्हें टोका भी नहीं जाता। बस इस बात को गौर किया जाता है कि जुर्माना राशि मिले और कोई कुछ भी करता रहे। जबकि मौजूदा हालातों और जिले में घटित हो रहे अपराधों को ध्यान में रखते हुए पुलिस को इन नकाबपोशों को भी कार्रवाई के दायरे में लेना जरूरी है।
छिपाते हैं पहचान
कई युवक और युवतियां अपनी पहचान छिपाने के मकसद से ही चेहरे को नकाब से ढकते हैं। नई पीढ़ी में इसका चलन ज्यादा है। परिजन भी बच्चों को ऐसा करने से नहीं रोकते। पुलिस ने भी कभी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। घर से ही इसकी पहल होना चाहिए। युवक और युवतियों के परिजनों को ही इस गंभीर मुद्दे को समझते हुए ध्यान देने की जरूरत है, ताकि फैशन बन चुका नकाब किसी साजिश का हिस्सा न बने।
चेहरे को गमछे, दुपट्टे से नकाब की तरह ढकने वालों पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना प्रभारियों को इस संबंध में आदेश दिए जा रहे हैं।
गौतम सोलंकी, एडिशनल एसपी

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