मिली जानकारी के अनुसार अपनी मांगो को लेकर एक सप्ताह से ज्यादा समय से अनशन पर बैठे संतोष तिवारी की बिगड़ती हालत की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम पीएस त्रिपाठी को वार्ता के लिए बिरसिंहपुर पहुंचे थे। विगत दिवस वार्ता के दौरान विवाद की स्थिति को देखते हुए इस बार एक बस महिला पुलिस सहित दर्जन भर वाहनों में अन्य पुलिस बल भी साथ पहुंचा था। इनके साथ तहसीलदार, चित्रकूट एसडीओपी बीपी सिंह, सभापुर थाना प्रभारी वर्षा सोनकर भी रहे।
जैसे ही यह लाव लश्कर अनशन स्थल पर पहुंचा तभी अनशन पर बैठे कांग्रेस पदाधिकारी संतोष तिवारी शौच की बात कहते हुए अनशन स्थल से भाग निकले। जब एसडीएम अनशन स्थल पर पहुंचे तो यहां युकां पदाधिकारी बद्री पाण्डेय सहित कुछ अन्य लोग मौजूद मिले। इनसे संतोष तिवारी की जानकारी ली गई तो बताया कि संतोष तिवारी शौच के लिए गए हैं। जल्द ही आ जाएंगे। इस पर बद्री सहित अन्य साथियों को अनशन स्थल से अलग बैठने को कहा गया। इसके बाद दल ने काफी देर तक संतोष तिवारी का इंतजार किया लेकिन वे नहीं पहुंचे।
लगभग सवा दस बजे अनशन स्थल पर पहुंचे अधिकारियों ने दो घंटे तक अनशनकारी संतोष तिवारी का अनशन स्थल पर इंतजार किया। जब वे नहीं पहुंचे तो अनशन स्थल को खाली करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान यहां मिले 5 तख्त, माइक, पंखे, बैग सहित अन्य सामग्री जब्त कर ली गई। इसके साथ ही वहां लगाए गए पोस्टरों को भी हटाया गया। इसके बाद दल वापस लौट आया।
अनशनकारी संतोष तिवारी की मांग पर कार्यों की जांच के लिए दल गठित कर दिया गया था। लेकिन संतोष इस बात पर अड़े थे कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होने तक उनका अनशन समाप्त नहीं होगा। उधर सोमवार को सरपंच और सचिव संघ ने संतोष तिवारी पर निर्माण कार्यों में कमीशन की मांग को लेकर दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई का ज्ञापन एसडीएम मझगवां को सौंपा था।