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भाजपा नेता पर मारपीट का आरोप, सत्ता पक्ष के दबाव में नहीं दर्ज हुई FIR

locationसतनाPublished: Jun 12, 2020 04:15:39 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

– पार्षद ने पुलिस पर बनाया राजनैतिक दबाव – कोतवाली में घंटों बैठे रहे घायल

पीड़ित चौरसिया परिवार

पीड़ित चौरसिया परिवार

सतना. सत्ता की धौंस जमा कर एक परिवार की पिटाई करने फिर उसे समझौते के लिए घर बुला कर दोबारा पूरे परिवार की पिटाई और बंधक बनाने का आरोप एक भाजपा नेता पर लगा है। बताया जाता है कि वह पूर्व पार्षद है और उसकी सत्ता तक पहुंच है। आरोप यह भी है कि उस ऊंची पहुंच के बल पर ही पीड़ित पक्ष की एफआईआर तक थाने में दर्ज नहीं की गई।
बता जा रहा है कि नगर निगम के वार्ड 24 से पार्षद रहे भाजपा नेता पर आरोप है कि उन्होंने साथियों के साथ मिल कर व्यवसायी चौरसिया परिवार को घर बुला कर जमकर पिटाई की। साथ ही चौरसिया परिवार के सदस्यों को बंधक भी बनाने की कोशिश की। आरोप है कि पीड़ित परिवार ने जब इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की और मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की तो भाजपा नेता ने सत्ता की धौंस से पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की जिसमें वह सफल भी हो गया।
कहा यह भी जा रहा है कि उधर इस मामले में चौरसिया पक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए घंटो कोतवाली में इंतजार करता रहा। बताया जा रहा है कि इस मामले में आरोपी पार्षद पक्ष राजनैतिक पहुंच के चलते पहले ही आला अफसरों से संपर्क बना चुका था ताकि उस पर ठोस कार्रवाई न हो पाए। पार्षद पक्ष अपने मंसूबे में कामयाब भी रहा। आरोप है कि एक बड़े नेता की सिफारिश पर पुलिस ने पार्षद पक्ष को मजबूत बनाने और चौरसिया पक्ष का मामला कमजोर करने के पूरे प्रयास किए।
बीजेपी नेता समर्थकों संग अस्पताल में
सिटी कोतवाली में देते हुए पुलिस को बताया कि उसका एक मकान वार्ड 24 की अमर कॉलोनी में भी है। बुधवार की रात लोटन अखाड़ा इलाके में बिजली गुल हो जाने के कारण वह अमर कॉलोनी स्थित अपने मकान पर वह गया था। आरोप है कि यहीं भाजपा पार्षद रहे पुष्पराज कुशवाहा ने अपने साथी रवि कुशवाहा, सोम कुशवाहा, मोनू कुशवाहा, सोनू कुशवाहा, गोलू कुशवाहा, दीप सेन व अन्य की मदद से उसे रोक लिया। सूरज का कहना है कि इन सभी ने मेरे साथ मारपीट की।
इसके बाद गुरुवार की सुबह पार्षद पक्ष ने समझौता करने के लिए बुलाया। जब सूरज अपने भाई भरत, अंशू, गौरव, जीजा मुकेश चौरसिया, भांजे बादल और अभय के साथ पहुंचा तो पहले से योजना बना कर बैठे पार्षद और उसके साथियों ने हम पर हमला बोल दिया। लाठी, डंडा, रॉड से मारपीट करते हुए सभी को बंधक बनाने का प्रयास किया गया।
उधर घटना के कई घंटों बाद भी जब चौरसिया पक्ष की सुनवाई नहीं हुई तो राजनैतिक सहारा लेकर पार्षद ने अपने बचाव में शिकायती आवेदन दे दिया। ताकि एक तरफा कार्रवाई से बच सके।

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