गौरतलब है कि सतना के नागौद में रविवार को मंच से गणेश सिंह ने चुनाव में असहयोग करने वाले भाजपा नेताओं को धमकाते हुए कहा था कि वे भूलकर भी कभी मेरे सामने न आएं। मेरे मुंह से उनके लिए गलत शब्द निकल जाएंगे। विधायक ने आरोप लगाया कि सांसद ने पहले संजय राय के माध्यम से मीडिया में बयानबाजी कराई और अब धमकीभरी बात कर रहे हैं, जो बर्दाश्त के योग्य नहीं है। त्रिपाठी ने कहा, अहंकार में डूबे सांसद यह जान लें कि विधायकों ने उनका विरोध किया होता, तो वे इस तरह की बयानबाजी के लिए बचे ही नहीं होते। मेरे गृह ग्राम लाटगांव में चार पोलिंग आती है, चारों में सांसद ने जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव में सांसद के गृह ग्राम खमरिया में भाजपा प्रत्याशी पोलिंग हार गया था। पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
विधायक ने कहा, 2014 में मैंने अपनी बलि देकर चुनाव जीताया था। अगर मैं इनके लिए अपनी राजनैतिक बलि न देता तो कम से कम ये एक लाख वोट से चुनाव हारते। उसके बाद वे भविष्य में राजनीति करने लायक नहीं बचते। 2009 और 2014 में सांसद कितने लोकप्रिय थे, आपके जीत के आंकड़े से साबित हो जाता है। 2014 में तीन दिन के अंदर राजनैतिक माहौल बदलकर चुनाव जितवाया।
विधायक ने आरोप लगाया, विधानसभा चुनाव के दौरान सांसद ने ६ विधानसभा में भाजपा को हराने का प्रयास किया। केवल अमरपाटन में वे पार्टी के पक्ष में रहे। उसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी अपने दम पर जीत कर आए।
विधायक ने कहा कि सांसद कहते हैं कि कोई सामने आ जाएगा तो बेइज्जत कर देंगे। तो ध्यान रखिएगा कि आप भी बेइज्जत होंगे। इसलिए ध्यान रखें कि जीत आपकी नहीं है, यह जीत भाजपा की है। यह पार्टी केवल सांसद की पार्टी नहीं है। बयानबाजी को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात की जाएगी, बयानबाजी बर्दाश्त के काबिल नहीं है।
त्रिपाठी ने कहा कि लोकसभा चुनाव दौरान मेरे छोटे भाई को अटैक आया और असामयिक मृत्यु हो गयी। सांसद गणेश सिंह एक बार भी बात नहीं किए। 1 तारीख को तेरहवीं थी, तब आए और बोले कि दो-चार गाडिय़ां ले लीजिए और क्षेत्र का दौरा करिए। मैं 3-4 तारीख को प्रचार मे निकला, लेकिन सांसद के कर्मों की बदौलत मुझे विरोध झेलना पड़ा।