scriptसत्ताधारी दल के विधायक का अपनी ही सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह | BJP MLA Narayan Tripathi Satyagraha against power crisis of Vindhya region | Patrika News

सत्ताधारी दल के विधायक का अपनी ही सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह

locationसतनाPublished: Sep 05, 2021 04:45:17 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-बिजली कंपनी के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ रखा है विधायक ने-विंध्य क्षेत्र में कई महीनो से है घोर बिजली संकट-किसान से लेकर आम आदमी तक है बेहाल

बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी

बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी

सतना. सत्ताधारी दल के विधायक ने अपनी ही सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह शुरू कर दिया है। दरअसल विधायक विंध्य क्षेत्र में व्याप्त बिजली संकट को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इस मुद्दे पर वह जबलपुर तक पहुंच कर विरोध जता चुके हैं। लेकिन हालात में सुधार न हुए तो उन्होंने सत्याग्रह शुरू कर दिया।
इससे पहले विधायक नारायण त्रिपाठी जबलपुर में शक्ति भवन पहुंचकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था। साथ ही भोपाल जाकर ऊर्जा मंत्री व मुख्यमंत्री से भी चर्चा की थी और आंदोलन की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके बिजली आपूर्ति में कोई सुधार नही हुआ तो विधायक सत्याग्रह पर उतर आए।
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पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बीजेपी के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में विंध्य पुनर्निर्माण के मंच तले प्रेमनगर स्थित बिजली कार्यालय के समक्ष सत्याग्रह आंदोलन किया गया। इस दौरान समर्थकों की भारी भीड़ भी रही। इस मौके पर त्रिपाठी ने कहा कि बिजली जैसी बुनियादि सुविधा को लेकर जहां जैसा होगा वहां जनहित में लड़ाई लड़ेंगे, क्योंकि जनता से बड़ा कोई नहीं है। उन्होनें कहा कि राष्ट्र और प्रदेश स्तर पर समस्याएं आती-जाती रहती हैं लेकिन जनहित से वह समस्याएं बड़ी नहीं होती। नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जनता से ही पार्टी है और पार्टी से ही नेता है। ऐसे में हमें जनहित में काम करना पड़ेगा तब ही आम जनता हमारे साथ रहेगी।
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संगठन के जिला संयोजक विवेक अग्रवाल ने कहा कि विंध्य क्षेत्र के व्यापारी बेहद परेशान हैं, घरेलू कनेक्शन की आड़ में व्यवसायिक बिलिंग की जा रही है। लेकिन उसे देखने वाला कोई नही। भूमि विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छोटे ‘दादा’ ने कहा कि किसान यूरिया, डीएपी की मार झेल रहा था और अब बिजली अनापूर्ति से बेहाल है। उन्होंने सवाल किया किआखिर किसान अपनी जीविका के संसाधन कैसे जुटाए? उसे फसल की सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल पा रही है, ऐसी स्थिति में उसकी फसल का नुकसान होना तय है। वहीं संभागीय मिडीया प्रभारी निरंजन शर्मा ने कहा कि बिजली समस्या के कारण समूचा क्षेत्र हलकान है। ट्रांसफार्मर खराब होने के कई दिनों तक बदले नहीं जाते। पूरा क्षेत्र कार्यालय अधिकारीयों के चक्कर काटता रहता है लेकिन बिजली बिल जमा करने के बाद भी बिजली आपूर्ति नहीं मिलती। इससे समूचे क्षेत्र में आक्रोष लगातार बढ रहा है।
राजेश दुबे का कहना रहा कि बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की शिथिलता के चलते पूरे सतना जिले की विद्युत व्यवस्था चरमराई हुई है। चारो तरफ हाहाकार मचा है। आमजन की पीड़ा सुनने और उसका निवारण करने की फुरसत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं है। जिला सह संयोजक एचएन सिंह का कहना था कि अगर बिजली की कमी है और कटौती की लिखित घोषणा नहीं की जाती, तो अघोषित बिजली कटौती तत्काल प्रभाव से बंद कराई जाए। जिला सह संयोजक ददोली पांडेय ने कहा कि विद्युत विभाग के जिम्मेदारों से कुछ पूछें तो ऐसा जबाब मिलता है मानों इनकी कोई जबाबदेही है ही नहीं।
आशुतोष सिंह पप्पू ने कहा कि बिजली की आंख मचौली से पूरा जिला परेशान है। रात-रात भर बिजली गुल रहती है। मेंटेनेंस के नाम पर घंटों-घंटों कटौती की जा रही है। बिजली गुल रहने पर विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश भी जाया होती है क्योंकि कोई फोन तक रिसीव नहीं करता।
इस मौके पर व्यापारी नेता जगदीश तिवीरी, केजी गुप्ता, सुरेश बडेरिया, दिलीप जैन, संदीप जैन, रीतेष पाण्डेय, छवि त्रिपाठी, रज्जन त्रिपाठी, मृत्युंजय द्विवेदी, सचिन पांडेय,, भोला गुप्ता, राजललन बागरी, रामाधार पटेल, रामजी शुक्ला, शारदा शुक्ला मांद, भोला प्रसाद गुप्ता, इंद्रपाल पटेल उरदान आदि नेताओं ने भी विचार रखे।
इस दौरानमनोज शर्मा, रोहित पांडेय, अवनीश शर्मा, भूपेंद्र खरे, सुरेंद्र दाहिया, रावेंद्र पटेल, रामसुफल सेन, मोहम्मद रईस, रामबहादुर सिंह बाबूपुर, रवि सिंह बघेल, जीतेंद्र गुप्ता टिकुरिया टोला, राजेश सोनी, सुदामा मल्लाह सहित विंध्य पुनर्निमाण के पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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