दरअसल, जिला अस्पताल नैदानिक केंद्र की फुलीआटोमैटिक सीबीसी जांच मशीन १५ दिन से खराब है। जिसकी वजह से मरीजों की खून की जांच नहीं हो पा रही है। पीडि़तों को जांच के लिए भटकाव झेलना पड़ रहा है। रोजाना सैकड़ों मरीज बिना जांच कराएं लौट रहे हैं। एेसी ही स्थिति गुरुवार सुबह नैदानिक केंद्र में देखने को मिली। पीडि़तों को बिना जांच के लौटाया जा रहा था।
सुधार भी नहीं करवा पा रहे जिम्मेदार
सुधार भी नहीं करवा पा रहे जिम्मेदार
फुलीआटोमेटिक मशीन का प्रबंधन द्वारा सुधार नहीं करवाया जा रहा है। सेमीऑटो मशीन से काम चलाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि रोजाना सैकड़ों मरीज बिना जांच कराए लौट रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण अंचल से आने वाले गरीब तबके के पीडि़तों को :ष्शश्च4ह्म्द्बद्दद्धह्ल:ठानी पड़ रही है। जो किराया लगाकर इलाज व जांच कराने जिला अस्पताल आ रहे हैं।
रोजाना दो से ढ़ाई सौ जांच
चिकित्सक के परामर्श के बाद पैथोलॉजी में रोजाना दो से ढ़ाई सौ मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं। एक मरीज की खून से संबंधित चार से पांच जांच की जाती हैं। मशीन के खराब होने के बाद रोजाना एक सैकड़ा से अधिक मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
चिकित्सक के परामर्श के बाद पैथोलॉजी में रोजाना दो से ढ़ाई सौ मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं। एक मरीज की खून से संबंधित चार से पांच जांच की जाती हैं। मशीन के खराब होने के बाद रोजाना एक सैकड़ा से अधिक मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नहीं हो रही यें जांच
फुली आटोमेटिक मशीन खराब हो जाने के बाद पैथोलॉजी में यूरिया, क्रिएटनिन, सीरियम बिल्रुबिन, एसजीपीटी, एसजीओटी, कोलेस्ट्राल, ब्लड शुगर, यूरिक एसिड, टोटल कोलस्ट्राल, ट्राइग्लिसराइड सहित एक दर्जन से अधिक अन्य जांच नहीं हो पा रही हैं।
फुली आटोमेटिक मशीन खराब हो जाने के बाद पैथोलॉजी में यूरिया, क्रिएटनिन, सीरियम बिल्रुबिन, एसजीपीटी, एसजीओटी, कोलेस्ट्राल, ब्लड शुगर, यूरिक एसिड, टोटल कोलस्ट्राल, ट्राइग्लिसराइड सहित एक दर्जन से अधिक अन्य जांच नहीं हो पा रही हैं।
पहली बार लापरवाही नहीं-
नैदानिक केंद्र स्थित पैथोलॉजी में यह पहली बार लापरवाही सामने नहीं आई है। खून की जांच व्यवस्था ठप हो जाने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। कुछ दिनों पहले रसायन सप्लाई नहीं होने की वजह से भी जांच व्यवस्था बेपटरी हो गई थी। तब भी एक सप्ताह से अधिक समय तक रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
नैदानिक केंद्र स्थित पैथोलॉजी में यह पहली बार लापरवाही सामने नहीं आई है। खून की जांच व्यवस्था ठप हो जाने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। कुछ दिनों पहले रसायन सप्लाई नहीं होने की वजह से भी जांच व्यवस्था बेपटरी हो गई थी। तब भी एक सप्ताह से अधिक समय तक रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
जल्द कराएंगे सुधार
अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह ने कहा, पैथोलॉजी की फुली ऑटोमेटिस सीबीसी मशीन खराब है। सेमी ऑटोमेटिक से काम चलाया जा रहा है। मशीन में सुधार कार्य करवाने दिल्ली से इंजीनियर बुलाए गए है। एक-दो दिन में फुली ऑटोमेटिक मशीन भी चालू हो जाएगी।
अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह ने कहा, पैथोलॉजी की फुली ऑटोमेटिस सीबीसी मशीन खराब है। सेमी ऑटोमेटिक से काम चलाया जा रहा है। मशीन में सुधार कार्य करवाने दिल्ली से इंजीनियर बुलाए गए है। एक-दो दिन में फुली ऑटोमेटिक मशीन भी चालू हो जाएगी।
हर दिन पहुंचते हैं दो से ढ़ाई सौ मरीज
जिला अस्पताल रोजाना ओपीडी-12 से 15 सौ
अंत: रोग विभाग में आने वाले पीडि़त- सौ से ड़ेढ सौं
नैदानिक केंद्र जांच कराने वाले पीडि़तों की संख्या- 2 से ढ़ाई सौ
निजी केंद्रों में खून की जांच की शुल्क- 3 सौ से 7 सौ रुपए तक
जिला अस्पताल रोजाना ओपीडी-12 से 15 सौ
अंत: रोग विभाग में आने वाले पीडि़त- सौ से ड़ेढ सौं
नैदानिक केंद्र जांच कराने वाले पीडि़तों की संख्या- 2 से ढ़ाई सौ
निजी केंद्रों में खून की जांच की शुल्क- 3 सौ से 7 सौ रुपए तक