बता दें कि, पटवारी भर्ती परीक्षा शनिवार को शुरू हो गई थी, जिसके लिए हजारों की संख्या में अभ्यर्थी प्रदेश के १६ सेंटरों में पहुंचे थे। सुबह परीक्षा शुरू होते ही सर्वर की दिक्कत हो गई।
जिसके चलते परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवार परेशान होते रहे। सर्वर की समस्या के चलते उम्मीदवारों के पंजीयन नहीं हो पाए। साथ ही ऑनलाइन सत्यापन, आधार मिलान ने भी समस्या बढ़ गई। वहीं इस समस्या को लेकर पीईबी के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
केंद्र पर पर्वेक्षक भी परेशान इससे पहले लगातार सोशल मीडिया पर पटवारी परीक्षा निरस्त होने की सूचना आ रही थी, जिसके चलते उम्मीदवारों में हड़कंप की स्थिति बन गई जिस पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. एकेएस भदौरिया का कहना है कि अभी परीक्षा स्थगित नहीं की गई है। वाट्सएप पर गलत मैसेज भेजे जा रहे हैं, इनसे सावधान रहें।
परीक्षा के लिए जाते समय अपने प्रवेश पत्र के साथ अपना पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड साथ में ले जाना न भूलें। परीक्षा देने के लिए टाइमिंग दो घंटे रखी गई है। पूरा पेपर ऑनलाइन पद्धति द्वारा कराया जाएगा। पटवारी भर्ती परीक्षा में पूणांक 100 नंबर का होगा। जिसमें हिन्दी, पंचायतीराज एवं ग्रामीण अर्थ व्यवस्था, कम्प्यूटर-विज्ञान, सामान्य गणित एवं सामान्य अभिरूचि, सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
तीन प्रकार से होगी चेकिंग
पीईबी सूत्रों की मानें तो पटवारी भर्ती परीक्षा में केन्द्र के अंदर अभ्यर्थी की तीन बार चेकिंग होगी। सबसे पहले केन्द्र में घुसते समय, इसके बाद परीक्षा देते समय केन्द्र के अंदर और फिर बाद में परीक्षा खत्म होने पर चेकिंग की जाएगी। बता दें कि मध्यप्रदेश में व्यापमं परीक्षाओं में फर्जीवाड़े का रिकॉर्ड बन चुका है। जिसके कारण कड़ी सुरक्षा और उपायों से पटवारी परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। संबंधित जिलों के अफसरों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए निर्देश दिए गए है। सबसे ज्यादा जोर फर्जीवाड़ा रोकने पर दिया गया है।
पीईबी सूत्रों की मानें तो पटवारी भर्ती परीक्षा में केन्द्र के अंदर अभ्यर्थी की तीन बार चेकिंग होगी। सबसे पहले केन्द्र में घुसते समय, इसके बाद परीक्षा देते समय केन्द्र के अंदर और फिर बाद में परीक्षा खत्म होने पर चेकिंग की जाएगी। बता दें कि मध्यप्रदेश में व्यापमं परीक्षाओं में फर्जीवाड़े का रिकॉर्ड बन चुका है। जिसके कारण कड़ी सुरक्षा और उपायों से पटवारी परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। संबंधित जिलों के अफसरों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए निर्देश दिए गए है। सबसे ज्यादा जोर फर्जीवाड़ा रोकने पर दिया गया है।