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रिश्वत: कोतवाली में लोकायुक्त छापा, रंगे हाथ पकड़ी गई एसआइ

locationसतनाPublished: Jun 05, 2019 12:47:04 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

रकम बरामद नहीं कर सकी लोकायुक्त टीम, केस से नाम काटने 15 हजार की मांगी थी रिश्वत

Bribery: Lokayukta raid in Kotwali, caught red handed SI

Bribery: Lokayukta raid in Kotwali, caught red handed SI

सतना. लोकायुक्त टीम ने मंगलवार की शाम साढ़े 6 बजे सिटी कोतवाली में छापा मारते हुए महिला सब इंसपेक्टर को रंगे हाथ पकड़ा है। ट्रैप कार्रवाही के दौरान लोकायुक्त टीम रकम बरामद नहीं कर सकी। लेकिन लोकायुक्त अफसरों का दावा है कि नोटों पर लगा हुआ केमिकल का रंग महिला एसआई के हाथ और पैंट की जेब से निकला है। एेसे में बंद कमरे में पूरी कार्रवाही की गई।
लोकायुक्त टीम का नेतृत्व कर रहे निरीक्षक अरविंद तिवारी ने बताया, डालीबाबा मोहल्ला सतना निवासी अमर चौधरी पुत्र स्व. वृंदावन चौधरी (27) की शिकायत पर कार्रवाही की गई है। बतौर रिश्वत महिला एसआइ मंजूषा धु्रर्वे ने 15 हजार रुपए की मांग की थी।
यह है मामला
शिकायतकर्ता अमर ने बताया, 28 फरवरी 2018 को उसकी शादी सागर के मकरोनिया में रहने वाली सरिता रोहित से हुई थी। शादी के पांच महीने बाद ही सरिता दूसरे शहर में अलग रहने की जिद करने लगी। इधर, अमर अपनी बूढ़ी मां का सहारा है इसलिए उसने पत्नी की बात नहीं मानी। बकौल अमर, उसकी पत्नी ने मकरोनिया में मार्च 2019 में उसके खिलाफ दहेज प्रताडऩा का केस दर्ज करा दिया। 26 मई को सुबह 7 बजे सिटी कोतवाली से एसआइ मंजूषा धु्रर्वे अमर के घर पहुंची और कहा कि कोतवाली आना पड़ेगा। जब अमर कोतवाली पहुंचा तो केस से उसकी मां, बहन और बहनोई का नाम काटने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई।
15 हजार में सौदा तय
20 हजार रुपए रिश्वत की बात आने पर अमर ने लोकायुक्त रीवा में शिकायत दर्ज कराई। जहां से एक अधिकारी के साथ टेप रिकार्डर लेकर अमर को सिटी कोतवाली भेजा गया। 31 मई को अमर कोतवाली आया और एसआइ मंजूषा से बात की। जिसमें 15 हजार रुपए रिश्वत देने पर परिवार के सदस्यों का नाम काटने पर बात तय हो गई। रिश्वत देने के लिए अमर ने कुछ दिनों का समय मांगा और फिर 4 जून की तारीख तय हुई।
500 के 30 नोट
शिकायत करने वाले अमर का कहना है कि वह लोकायुक्त टीम से मिले ५०० के ३० नोट लेकर शाम ६ बजे सिटी कोतवाली पहुंचा। यहां उसने एसआइ मंजूषा के हाथ में रकम दी। इसके बाद एसआइ मंजूषा टीआइ के चेम्बर में गईं और फिर कोतवाली के एक दूसरे कमरे में चली गईं। इसी दौरान लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर उन्हें पकड़ा है।
खंगाल रहे सीसीटीवी
निरीक्षक अरविंद तिवारी का कहना है कि रिश्वत में दिए गए रुपए बरामद नहीं हुए हैं। इसके लिए थाने के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। छापा मारने वाली टीम में निरीक्षक विद्या वारिधि तिवारी, आरक्षक विवेक पाण्डेय, उमाकांत, पवन पाण्डेय, शैलेन्द्र मिश्रा, धर्मेन्द्र जायसवाल, शिव लाल प्रजापति समेत रीवा पुलिस लाइन से महिला बल व एसएएफ बल मौजूद रहा। साक्षी अधिकारी के तौर पर परियोजना अधिकारी शिवानंद शुक्ला, व्याख्याता रमेश मिश्रा मौजूद रहे।
धमकाने आया सिपाही
फरियादी अमर चौधरी का कहना है कि लोकायुक्त कार्रवाही होते ही एक सिपाही उसके पास आया और यह कहते हुए धमकाने लगा कि कभी तो कोतवाली आओगे। लोकायुक्त कार्रवाही के दौरान सिटी कोतवाली का स्टॉफ भी सतर्क होकर अपने काम पर लग गया। रात करीब ८ बजे टीआइ भी अपने चेम्बर से उठ कर चले गए।
जब्त कर ली वर्दी
लोकायुक्त टीम ने एसआइ मंजूषा धु्रर्वे की वर्दी उतरवा कर जब्त कर ली है। इसके पहले मंजूषा के घर से उनके दूसरे कपड़े मंगाए गए। इस कार्रवाही की खबर जब सोशल मीडिया में चली तो जिले के पुलिस कर्मी सन्न रह गए। लोकायुक्त अधिकारियों का कहना है कि आरोपी एसआइ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7क के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाही की जा रही है।
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