scriptnew Technique; मार्च के बाद बीएस-4 वाहनों की बिक्री प्रतिबंधित, अब आफर्स की लगी बहार | BS-4 vehicle sales banned after March, now offers out | Patrika News

new Technique; मार्च के बाद बीएस-4 वाहनों की बिक्री प्रतिबंधित, अब आफर्स की लगी बहार

locationसतनाPublished: Feb 22, 2020 02:50:50 am

Submitted by:

Sonelal kushwaha

परिवहन विभाग ने जारी किए निर्देश: पंजीयन के बाद ही ग्राहकों को डिलीवर किए जाएंगे वाहन

PHOTOS: स्टिकर दिखे तो उठाएं हाथ, मिलेगी मुफ्त में लिफ्ट

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सतना. देश में बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण को ध्यान रखते हुए शासन ने मार्च के बाद बीएस (भारत स्टेज)-4 तकनीक के वाहनों की बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। लिहाजा, वाहन निर्माता कंपनियों ने बीएस-६ मॉडल के वाहन मार्केट में उतार दिए। हालांकि इनकी कीमतें अपेक्षाकृत ज्यादा हैं। इसलिए लोग बीएस-४ तकनीक के वाहन खरीदने में ही दिलचस्पी दिखा रहे हैं। कंपनियां भी पुराना स्टाक जल्द से जल्द खाली करना चाहती हैं। इसके लिए ग्राहकों को तरह-तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं।
मैकेनिकल इंजीनियर राजू ने बताया कि बीएस-६ मॉडल के वाहनों में पीजीएमआई सिस्टम होने के कारण इनसे उत्सर्जित होने वाले धुएं की मात्रा काफी कम हो जाती है। इससे प्रदूषण कम होता है। यह तकनीक पर्यावरण के साथ-साथ ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद है। इससे फ्यूल की खपत भी कम होगी। बीएस-४ वाहनों में कार्वेटर व रिंग पिस्टन होतेे थे, लेकिन बीएस-६ मॉडल में फ्यूल इंडिकेटर का उपयोग किया गया है जो इलेक्ट्रिक इंजन की तर्ज पर काम करता है। यही वजह है कि इसमें ७० फीसदी तक प्रदूषण कम होने का अनुमान है। हालांकि, बहुत कुछ गाड़ी के मेंटीनेंस पर भी निर्भर करेगा।
बढ़ जाएंगी कीमतें
बीएस-६ तकनीक के वाहन बीएस-४ की अपेक्षा महंगे हैं। होंडा की सेल्स एक्जक्यूटिव शिवा पांडेय ने बताया कि बीएस-६ के दोपहिया वाहन औसतन करीब १० हजार और चार पहिया वाहन २० से ३० हजार तक महंगे हैं। हालांकि, उस स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यही वजह है कि युवा वर्ग बीएस-६ मॉडल की वाहन ही डिमांड कर रहे हैं।
अलग ईंधन
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट की मानें तो बीएस-६ तकनीक के वाहनों के लिए ईंधन भी अलग है। हालांकि, पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से अब तक इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई है जबकि बड़ी संख्या में बीएस-६ मॉडल के वाहनों की बिक्री हो चुकी है। ऐसे में उनके लिए अपग्रेड ईंधन कैसे और कहां उपलब्ध हो पाएगा? इस सवाल का जवाब जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।

ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा
बीएस-४ तकनीक के वाहनों उपयोग किए जा रहे ईंधन में सल्फर की मात्रा अधिक होती है। इस कारण नाइट्रोजन की मात्रा अधिक उत्सर्जित होती है जो न सिर्फ पर्यावरण बल्कि सेहत क लिए भी बेहद हानिकारक है। इसके दुष्प्रभावों को देखते हुए बीएस-६ मॉडल के वाहनों में एडवांस एमीशन कंट्रोल सिस्टम फिट किया गया है। यह न सिर्फ नाइट्रोजन का उत्सर्जन कम करेगा बल्कि, इससे आवाज भी कंट्रोल होगी, जिससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा।
रजिस्ट्रेशन के बाद ग्राहकों को सौंपे जाएंगे वाहन
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद परिवहन विभाग ने वाहन निर्माता कंपनियों को निर्देशित किया है कि पुराना स्टॉक क्लियरंस करें और ३१ मार्च के बाद बीएस-६ तकनीक के वाहन ही बेचें। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि आरटीओ कार्यालय में पंजीयन के उपरांत ही ग्राहकों को वाहन सौंपे जाएं।
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