वहीं अब ये मामला जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंच गया है। जिसके बाद जांच के आदेश जारी किए गए हैं। जिला मुख्यायल से महज 40 किमी दूर शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरदासपुर, मैहर स्थित है। बच्चों की संख्या बढऩे के चलते स्कूल प्रबंधन ने अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण की जरूरत समझी और प्रस्ताव भेजा। जिसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने स्वीकृत भी दे दी थी। लिहाजा काम शुरू हुआ, ग्राम पंचायत में भूमि चिह्नांकन से मनमानी का वो खेल शुरू हुआ। जो पूरी शिक्षा व्यवस्था प्रश्र चिह्न खड़ा कर दिया। सरपंच, सचिव, बीआरसी और उपयंत्री ने मनमानी करते हुए पुराने स्कूल से दो किमी दूर अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण करा दिया। जबकि स्कूल परिसर सहित आसपास भी जगह मौजूद थी।
4.70 लाख का खेल
हरदासपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में जगह की कमी से बच्चों का अध्ययन करने में दिक्कत आ रही थी। प्रशासन द्वारा बच्चों को जगह मुहैया कराने वर्ष 2011-12 में 4.70 लाख रुपए की राशि अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए स्वीकृत की गयी। पांच साल बाद भी शौचालय का निर्माण अधूरा पड़ हुआ है। तात्कालीन सरपंच फूल सिंह, ग्राम पंचायत सचिव कमलेंद्र सिंह, बीआरसी अजय त्रिपाठी और उपयंत्री हीरालाल वर्मा के द्वारा मिलीभगत कर अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कराया गया था। जबकि विद्यालय परिसर और आसपास जगह भी मौजूद थी।