लोकतंत्र के महापर्व में शिरकत करने मतदाताओं में उत्साह व उमंग देखने को मिल रहा था। अधिकतर केंद्रों पर सुबह से ही बड़ी लाइन लगने लगी थी। इसका असर आंकड़ों में भी देखने को मिला। सात विधानसभा क्षेत्र में 13.44 फीसदी मतदान देखने को मिला। दूसरा राउंड 9-11 बजे के बीच में 25.40 फीसदी मतदान रहा। ये तेजी अगले राउंड 11.01 बजे के बीच भी बरकरार रही, 1 बजे तक 41.10 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। लेकिन, दोपहर में गिरावट देखने को मिली। 1-3 बजे के बीच दो घंटे में करीब 10.12 फीसदी मतदान हुआ। शाम तीन बजे तक 51.13 फीसदी व शाम पांच बजे तक 60.39 फीसदी मतदान हुआ। शाम 7 बजे तक 70.69 फीसदी तक मतदान बताया गया।
ग्रामीण मतदाता आगे, नागौद में सबसे ज्यादा
नागौद में सर्वाधिक 74.18 फीसदी मतदाता वोट डालने निकले। सबसे कम मतप्रतिशत चित्रकूट का 66.23 फीसदी रहा। रैगांव का 72.40, सतना 66.78, मैहर 71.09, अमरपाटन 72.26 तथा रामपुर में 71.85 फीसदी ने वोट डाला।
नागौद में सर्वाधिक 74.18 फीसदी मतदाता वोट डालने निकले। सबसे कम मतप्रतिशत चित्रकूट का 66.23 फीसदी रहा। रैगांव का 72.40, सतना 66.78, मैहर 71.09, अमरपाटन 72.26 तथा रामपुर में 71.85 फीसदी ने वोट डाला।
जिला मुख्यालय पर बाद में दिखा उत्साह
सतना में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा कम उत्साह दिखा, लेकिन 11 बजे के बाद आंकड़ों ने तेजी से रफ्तार पकड़ी। सतना में सुबह 7 से 9 बजे तक 12.25 फीसदी, 9 से 11 बजे तक 29.50 फीसदी, 11 से 1 बजे तक 42 फीसदी 1 से 3 बजे तक 53 फीसदी, 3-5 बजे तक 66.78 फीसदी दर्ज किया गया।
सतना में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा कम उत्साह दिखा, लेकिन 11 बजे के बाद आंकड़ों ने तेजी से रफ्तार पकड़ी। सतना में सुबह 7 से 9 बजे तक 12.25 फीसदी, 9 से 11 बजे तक 29.50 फीसदी, 11 से 1 बजे तक 42 फीसदी 1 से 3 बजे तक 53 फीसदी, 3-5 बजे तक 66.78 फीसदी दर्ज किया गया।
पल-पल पर नजर
सतना सीट हाई प्रोफाइल बनी हुई है। कारण भाजपा हैट्रिक के बाद चौका लगाने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस 1996 से जारी वनवास को खत्म करना चाहती है। बसपा 1996 की तरह अवसर की तलाश में है। लिहाजा, जिला निर्वाचन के अधिकारियों के साथ-साथ प्रत्याशी अपने समर्थकों के माध्यम से हर स्थिति पर नजर रखे थे। हर सूचना को अपने स्तर पर खंगाला जाता रहा। उसके पीछे उद्देश्य था कि विपक्षी कोई ऐसी चाल तो नहीं चल रहा, जिससे नुकसान झेलना पड़े।
सतना सीट हाई प्रोफाइल बनी हुई है। कारण भाजपा हैट्रिक के बाद चौका लगाने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस 1996 से जारी वनवास को खत्म करना चाहती है। बसपा 1996 की तरह अवसर की तलाश में है। लिहाजा, जिला निर्वाचन के अधिकारियों के साथ-साथ प्रत्याशी अपने समर्थकों के माध्यम से हर स्थिति पर नजर रखे थे। हर सूचना को अपने स्तर पर खंगाला जाता रहा। उसके पीछे उद्देश्य था कि विपक्षी कोई ऐसी चाल तो नहीं चल रहा, जिससे नुकसान झेलना पड़े।
दस्यु का भी नहीं दिखा असर, शांतिपूर्ण मतदान
मामूली विवादों को छोड़ दिया जाए तो सतना संसदीय क्षेत्र का चुनाव शांतिपूर्ण रहा। शहरी क्षेत्र से लेकर दस्यु प्रभावित चित्रकूट तक किसी प्रकार की हिंसा, विवाद या अन्य चुनाव प्रभावित करने वाले तथ्य सामने नहीं आए हैं।
मामूली विवादों को छोड़ दिया जाए तो सतना संसदीय क्षेत्र का चुनाव शांतिपूर्ण रहा। शहरी क्षेत्र से लेकर दस्यु प्रभावित चित्रकूट तक किसी प्रकार की हिंसा, विवाद या अन्य चुनाव प्रभावित करने वाले तथ्य सामने नहीं आए हैं।
3-5 के बीच सबसे कम वोटिंग
निर्वाचन आयोग से जारी आंकड़ों के अनुसार, संसदीय क्षेत्र सतना में शाम 5 बजे तक 60.39 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हर दो घंटे में जारी हो रहे मत प्रतिशत के आंकड़ों पर गौर करें तो मतदान पर गर्मी के मौसम का सीधा असर देखने को मिला। आंकड़े बताते हैं कि सुबह 7 बजे से 11 बजे तक सवाज़्धिक मत पड़े। इसके बाद मतदाताओं की संख्या क्रमश: पोलिंग बूथ में कम होने लगी। सबसे धीमा मतदान दोपहर बाद 3 से 5 बजे के बीच हुआ।
निर्वाचन आयोग से जारी आंकड़ों के अनुसार, संसदीय क्षेत्र सतना में शाम 5 बजे तक 60.39 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हर दो घंटे में जारी हो रहे मत प्रतिशत के आंकड़ों पर गौर करें तो मतदान पर गर्मी के मौसम का सीधा असर देखने को मिला। आंकड़े बताते हैं कि सुबह 7 बजे से 11 बजे तक सवाज़्धिक मत पड़े। इसके बाद मतदाताओं की संख्या क्रमश: पोलिंग बूथ में कम होने लगी। सबसे धीमा मतदान दोपहर बाद 3 से 5 बजे के बीच हुआ।
इस तरह गिरा वोटिंग का ग्राफ
मतदान की दो घंटेवार स्थिति देखें तो सुबह 7 बजे से 9 बजे तक 13.51 फीसदी वोटिंग हुई। 9 बजे से 11 बजे तक 14.84 फीसदी वोट पड़े। 11 बजे के बाद मतदान का प्रतिशत क्रमश: गिरने लगा। 11 से 1 के बीच 12.85 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। एक बजे से तीन बजे के बीच 10.11 फीसदी लोग मतदान करने पहुंचे। तीन बजे से शाम 5 बजे तक 9.11 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले।
मतदान की दो घंटेवार स्थिति देखें तो सुबह 7 बजे से 9 बजे तक 13.51 फीसदी वोटिंग हुई। 9 बजे से 11 बजे तक 14.84 फीसदी वोट पड़े। 11 बजे के बाद मतदान का प्रतिशत क्रमश: गिरने लगा। 11 से 1 के बीच 12.85 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। एक बजे से तीन बजे के बीच 10.11 फीसदी लोग मतदान करने पहुंचे। तीन बजे से शाम 5 बजे तक 9.11 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले।
सबसे कम रैगांव में, ज्यादा का खिताब भी
दो घंटे के टाइम स्लॉट में सबसे कम मतदान रैगांव में 3 बजे से 5 बजे के बीच 4.5 फीसदी रहा। इसी तरह से सबसे ज्यादा मतदान का रेकॉर्ड भी रैगांव विधानसभा के खाते में है। यहां सुबह 9 से 11 बजे के बीच 18.1 फीसदी मतदान हुआ।
दो घंटे के टाइम स्लॉट में सबसे कम मतदान रैगांव में 3 बजे से 5 बजे के बीच 4.5 फीसदी रहा। इसी तरह से सबसे ज्यादा मतदान का रेकॉर्ड भी रैगांव विधानसभा के खाते में है। यहां सुबह 9 से 11 बजे के बीच 18.1 फीसदी मतदान हुआ।
रामपुर में वोटिंग ट्रेंड सबसे अलग
रामपुर बाघेलान के वोटिंग ट्रेंड अलग मतदान हुआ है। सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच महज 8.33 % मतदान हुआ जो अन्य विधानसभाओं में वोटिंग में सबसे कम है। शाम पांच बजे तक 71.85 फीसदी मतदान हुआ। वहीं, मतदाता संख्या के हिसाब से देखा जाए तो रामपुर में सर्वाधिक 174496 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। सबसे कम मतदाता चित्रकूट में 134593 रहे। रैगांव में 146757, सतना 159902, नागौद 162819, मैहर 170207 तथा अमरपाटन में 162122 मतदाताओं अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
रामपुर बाघेलान के वोटिंग ट्रेंड अलग मतदान हुआ है। सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच महज 8.33 % मतदान हुआ जो अन्य विधानसभाओं में वोटिंग में सबसे कम है। शाम पांच बजे तक 71.85 फीसदी मतदान हुआ। वहीं, मतदाता संख्या के हिसाब से देखा जाए तो रामपुर में सर्वाधिक 174496 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। सबसे कम मतदाता चित्रकूट में 134593 रहे। रैगांव में 146757, सतना 159902, नागौद 162819, मैहर 170207 तथा अमरपाटन में 162122 मतदाताओं अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
विकलांग को गोदी में उठाकर कराया वोट
आयोग ने विकलांग मतदाताओं का मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए केंद्र में विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए थे। मतदान के समय व्यवस्थाएं नदारद रहीं। नईबस्ती मंगल भवन स्थित मतदान केन्द्र में पांच पोलिंग थी लेकिन यहां विकलांगों के लिए एक भी व्हीलचेयर नहीं थी। मतदान केंद्र 278 में पति के कंधे के सहारे घिसटते हुए मतदान करने पहुंची मुगिया देवी ने बताया कि वह बिना दूसरे के सहारे के एक कदम नहीं चल सकती। इसके बादजूद प्रशासन से सहायता नहीं मिली। इसलिए वह अपने पति के कंधों के सहारे घिसटते हुए पहुंची और लोकतंत्र के महापवज़् में भाग लिया।
आयोग ने विकलांग मतदाताओं का मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए केंद्र में विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए थे। मतदान के समय व्यवस्थाएं नदारद रहीं। नईबस्ती मंगल भवन स्थित मतदान केन्द्र में पांच पोलिंग थी लेकिन यहां विकलांगों के लिए एक भी व्हीलचेयर नहीं थी। मतदान केंद्र 278 में पति के कंधे के सहारे घिसटते हुए मतदान करने पहुंची मुगिया देवी ने बताया कि वह बिना दूसरे के सहारे के एक कदम नहीं चल सकती। इसके बादजूद प्रशासन से सहायता नहीं मिली। इसलिए वह अपने पति के कंधों के सहारे घिसटते हुए पहुंची और लोकतंत्र के महापवज़् में भाग लिया।