सेमरिया चौक पर रीवा व मैहर की तरफ जाने वाली बसों के स्टाफ के बीच सवारियों को लेकर प्रतिस्पर्धा रहती है। इससे हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है। मंगलवार को सुबह 11 बजे चौक पर एक बस के चालक ने गाड़ी आगे लगाने की होड़ में दूसरे बस के कंडक्टर को कुचल दिया।
गंभीर हालात में उसे परिजन जबलपुर ले जा रहे थे, लेकिन दस किमी पहले शाम 4 बजे उसकी मौत हो गई। हादसा होने पर चालक और परिचालक बस छोड़कर किसी की बाइक से भाग खड़े हुए।
बताया गया कि रीवा के सेमरिया निवासी मयंक पांडेय उर्फ धीरू पिता तारेश पांडे (30) ने एक दिन पहले ही बागरी बस में कंडक्टरी शुरू की थी। सेमरिया चौक स्थित होटल के पास वह बस खड़ी कर सवारी भर रहा था।
इसी दौरान पीछे से चंदेल बस आई और आगे आ कर सवारी भरने के चक्कर में कंडक्टर को चपेट में ले लिया। बस का एक पहिया कंडक्टर के ऊपर चढ़ गया। बताया गया कि हादसे के पहले चंदेल बस के चालक परिचालक ने मयंक से गाली-गलौज कर धक्का दिया था। पुलिस ने चंदेल बस को जब्त कर थाने में खड़ा कराया है।
धक्का देकर कुचलने का आरोप
जबलपुर पहुंचने से पहले ही मयंक की मौत होने पर परिजन उसे लेकर सतना लौट आए। मृतक के शव को जिला अस्पताल की मच्र्युरी में रखवाया गया है। परिजनों का आरोप है कि मयंक को जानबूझकर बस के पहिए के नीचे धक्का देकर कुचला गया है।
मृतक के परिजन पुलिस से चंदेल बस के चालक व परिचालक को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। बताया गया कि मयंक अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। कंडक्टर की मौत के बाद पुलिस सक्रिय हुई और चंदेल बस के चालक-परिचालकों की तलाश में रात भर दबिश दी।
सेमरिया चौक पर मनमानी हावी
यह हादसा पुलिस और परिवहन विभाग की लापरवाही और अनदेखी का नतीजा है। बस स्टैंड से रीवा और मैहर की ओर निकलने वाली बसों का स्टॉपेज बीटीआइ के सामने निर्धारित किया गया है, लेकिन सभी बसें सेमरिया चौराहा के पास एक होटल के सामने खड़ी होती हैं।
चौराहे पर पुलिस भी होती है, लेकिन इन बस वालों को कभी नहीं रोकती। बसों के बेतरतीब खड़े होने से फ्लाईओवर बनने के बावजूद सेमरिया चौक में रीवा रोड तरफ दिनभर जाम के हालात बनते हैं। परमिट और नंबर को लेकर ऑपरेटरों और उनके स्टाफ के बीच दिन में कई बार विवाद की घटनाएं आम हैं।