पूर्व मंत्री सईद अहमद ने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। देश की जनता को संविधान पर पूरा विश्वास है लेकिन केंद्र सरकार वोट की राजनीति के लिए देश को जाति एवं धर्म के नाम पर बांटना चाहती है। सीएए एवं एनपीआर धर्म विशेष के लिए लागू किया जा रहा है। केंद्र सरकार भूल रही कि देश की आजादी में मुस्लिमों का भी बराबर का योगदान रहा है।
हम संविधान को बचाने के लिए सड़क पर उतरे हैं और जब तक सरकार नागरिकता कानून को वापस नहीं लेगी, आंदोलन जारी रहेगा। धरना स्थल पर मो. हासिम, जिया अहमद, हाजी नवाब अली, परवेज नवाज, शान मोहम्मद, आफताब अहमद, वसीम हुस्नआरा, रुकसाना बेगम, निकहत इशा, तस्लीम, शाहिदा, सबीना, तोशी सहित भारी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे शामिल हुए।