scriptSATNA : सावधान ! ठीक होने के बाद भी खतरनाक है कोरोना, हो रही मौत | careful Corona is dangerous even after recovering | Patrika News

SATNA : सावधान ! ठीक होने के बाद भी खतरनाक है कोरोना, हो रही मौत

locationसतनाPublished: Apr 26, 2021 01:21:11 am

Submitted by:

Ramashankar Sharma

सतना जिले में देखने को मिले कई ऐसे केस, रिपोर्ट निगेटिव लेकिन कोरोना के लक्षण
 

careful ! Corona is dangerous even after recovering

careful ! Corona is dangerous even after recovering

सतना। जिले में कोरोना के लक्षण वाले ऐसे कई मरीज सामने आ रहे हैं जिनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ रही, लेकिन उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। इनमें से कुछ तो ऐसे भी है जिनकी मौत भी हो चुकी है। इसको लेकर जिला प्रशासन की पेशानी पर बल पड़ने शुरू हो गये हैं। चिकित्सकों से चर्चा के बाद यह पता चला है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई मरीजों के सीटी स्कैन में फेफड़ों में काफी संक्रमण पाया गया है। यही संक्रमण उनके लिये खतरनाक हो रहा है। लिहाजा जिला प्रशासन अब इस दिशा में भी व्यवस्था करने की तैयारी में है। अगर ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती है तो पोस्ट कोविड वार्ड भी बनाया जा सकता है। जहां पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज किया जाएगा। साथ ही यह भी सलाह दी जा रही है कि जिन कोरोना मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है और उन्हें कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो चेस्ट स्पेशलिस्ट को भी दिखाएं।
दूसरी लहर में ज्यादा खतरा
कोविड वार्ड में तैनात चिकित्सकों के अनुसार वायरस के हमले से कई मरीजों के फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा है। इन्ही मरीजों को कोरोना निगेटिव होने के बाद भी दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। ऑफ द रिकार्ड कोरोना वार्ड में तैनात चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में कोविड से ज्यादा पोस्ट कोविड खतरनाक नजर आ रहा है। कोरोना से निगेटिव होने के बाद मरीज को सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, थकान बढ़ना, हल्का बुखार, जोड़ों में दर्द और उदासी रहने जैसी स्थिति बन रही है तो समझ लीजिए ये पोस्ट कोविड के लक्षण हैं। पोस्ट कोविड का मुख्य लक्षण सांस में तकलीफ ही है। इसका कारण फेफड़ों में संक्रमण है।
ये हैं पोस्ट कोविड के लक्षण

– निमोनिया तथा एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम
– जो व्यक्ति पॉजिटिव नहीं आया, मगर सांस की तकलीफ सहित अन्य दिक्कत हो
– सांस लेने में तकलीफ होना
– कोविड निगेटिव होने के बाद भी शरीर का बार-बार टूटना
– मांस पेशियों में कमजोरी और जलन

– खून में थक्के जमने से पैर व अन्य अंगों की नसों में दर्द

– एक बीमारी से ग्रसित होने के बाद अन्य बीमारियां होना,मसलन शुगर के मरीज के अचानक पूरी तरह बढ़ जाना
– मानसिक विकार, मनोबल टूटना सहित लक्षण भी चिंताजनक
ये है वजह

एम्स के पूर्व चिकित्सक डॉ योगेश शुक्ला ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर पड़ता है। कई बार नॉर्मल एक्सरे में कोविड-19 का ज्यादा असर पता नहीं चल पाता जबकि वायरस की महीन-महीन कॉलोनियां तेजी से सिस्टम में डेवलप हो जाती है। रिकवर होने के बाद ये फेफड़ों पर वाइट पैच छोड़ देता है। इसकी वजह से फेफड़े सिकुड़ जाते हैं। फेफड़ों की इलास्टीसिटी खत्म हो जाती है और कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है। मरीज के ठीक होने के बाद भी उसमें एक्यूट रेसपेरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम डेवलप हो जाता है। लेवल थ्री के मरीजों में इसकी स्थिति गंभीर होती है और काफी इलाज के बाद भी मरीज की मौत हो जाती है। ऐसे मरीजों में सांस फूलना, खांसी, हार्ट पर लोड बढऩा, सीने में चुभन जैसी समस्याएं काफी देखने में आ रही हैं। इसके साथ ही जल्दी हांफ जाना, हाथों-पैरों में दर्द भी पोस्ट इफेक्ट के तौर पर सामने आ रहे हैं।
तत्काल डॉक्टर को दिखाएं

कोविड के नेगेटिव होने के बाद मरीज चेकअप नहीं कराते हैं। लेकिन अगर कोविड निगेटिव होने के बाद भी पोस्ट कोविड के लक्षण दिख रहे हैं तो तत्काल सीटी स्कैन कराएं और डाक्टर को दिखाएं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो