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MP के इस गांव में मिली चंदेल कालीन पाषाण प्रतिमा, कामुख मूर्ति देखने उमड़ी भीड़

locationसतनाPublished: Apr 16, 2018 12:28:48 pm

Submitted by:

suresh mishra

MP के इस गांव में मिली चंदेल कालीन पाषाण प्रतिमा, कामुख मूर्ति देखने उमड़ी भीड़

chandel sculpture found in Panna

chandel sculpture found in Panna

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिला अंतर्गत अमानगंज तहसील के जिजगांव में पाइप लाइन की खुदाई करते समय चंदेल कालीन पाषाण प्रतिमा निकली है। प्रतिमा का खजुराहो स्थित चन्देल वंश द्वारा स्थापित मंदिरों से कनेक्शन है। इसलिए जिला प्रशासन को सूचना देकर पुरातत्व विभाग से संपर्क किया गया है।
पंचायत द्वारा डाली जा रही पाइप लाइन के आगे का कार्य पुरातत्व विभाग की मौजूदगी में किया जाएगा। कयास लगाए जा रहे है कि इस तरह कौमुख प्रतिमा का मिलना कोई बड़ा संकेत हो सकता है। हो सकता है आसपास के क्षेत्र में और मूर्तियां हो सकती है। जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार पर काफी डिमांग है।
chandel sculpture found in Panna
patrika IMAGE CREDIT: patrika
खंडित हो गई है प्रतिमा
बताया गया कि ग्राम जिजगांव में एक मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के वायर डालने के लिये जमीन को खोदने का काम चल रहा था। रविवार की सुबह यहां खुदाई के दौरान एक चंदेल कालीन पाषणा प्रतिमा मिली है। यह प्रतिमा जेसीबी के धक्के के कारण खंडि़त हो गई है। खुदाई के दौरान पुरातात्विक महत्व की प्रतिमा मिलने की जानकारी लगते ही आसपास के क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिमा को देखने के लिये पहुंच रहे हैं।
जेसीबी का जबड़ा चट्टान में फंस गया
जानकारी के अनुसार ग्राम जिजगांव और इसके आसपास के क्षेत्र में इन दिनों निजी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के वार डालने के लिसे जेसीबी से खुदाई का काम चल रहा है। बताया गया कि रविवार की सुबह जिजगांव में जेसीबी से खुदाई का काम शुरू ही हुआ था कि जेसीबी का जबड़ा चट्टान में फंस गया। चट्टान को निकालने के चक्कर में जेसीबी का तेज धक्का लगने से चट्टान बीच से टूट गई। उसे जब बाहर निकाला गया तो पता चला कि चट्टान में दुर्लभ मूर्ति बनी हुई है।
chandel sculpture found in Panna
patrika IMAGE CREDIT: patrika
9वीं शताब्दी की कामुक प्रतिमा
चट्टान में बनी प्रतिमा खजुराहो की प्रतिमाओं के समान ही कामुक प्रवृत्ति की है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा हैउक्त प्रतिमा खजुराहो की प्रतिमाओं और मंदिर के समान ही 9वीं शताब्दी व इसके आसपास की हो सकती हैं। हालांकि अभी तक पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। इसकी सही उम्र का पता पुरातत्व विभाग के अधिकारी ही बता सकते हैं। हालांकि जानकार इस प्रतिमा को खजुराहो की प्रतिमाओं के ही समकक्ष बता रहे हैं।
प्रतिमा देखने उमड़ी भीड
सुबह करीब 10 बजे जैसे ही प्रतिमा के निकलने की जानकारी लगी वैसे ही आसपास लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। करीब आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिमा को देखने के लिये पहुंचे हुए थे। प्रतिमा के निकलने के बाद कुछसमय के लिये जेसीबी से खुदाई का काम भी रोक दिया गया था। स्थानीय लोगों द्वारा मामले की जानकारी जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग को भी दी गई है।
chandel sculpture found in Panna
patrika IMAGE CREDIT: patrika
ये है खजुराहो का इतिहास
गौरतलब है कि, चन्देल वंश मध्यकालीन भारत का प्रसिद्ध राजवंश था। जिसने 08वीं से 12वीं शताब्दी तक स्वतंत्र रूप से यमुना और नर्मदा के बीच, बुंदेलखंड तथा उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी भाग पर राज किया था। चंदेल वंश के शासकों का बुंदेलखंड के इतिहास में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने लगभग चार शताब्दियों तक बुंदेलखंड पर शासन किया।
समूचे विश्व को प्रभावित किया

चन्देल शासक न केवल महान विजेता तथा सफल शासक थे, अपितु कला के प्रसार तथा संरक्षण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। चंदेलों का शासनकाल आमतौर पर बुंदेलखंड के शांति और समृद्धि के काल के रूप में याद किया जाता है। चंदेलकालीन स्थापत्य कला ने समूचे विश्व को प्रभावित किया। उस दौरान वास्तुकला तथा मूर्तिकला अपने उत्कर्ष पर थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं खजुराहो के मंदिर।

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