बढ़ रही मोबाइल गेमिंग मरीजों की संख्या
साइकोलॉजिस्ट डॉ. संगीता जैन के अनुसार, मोबाइल गेमिंग के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर के पैरेंट्स बच्चों तब यहां लेकर आते हें जब एडिक्शन ज्यादा बढ़ जाता है। बच्चे को स्टार्टिंग में ही मोबाइल की लत से बाहर लेकर आएं। किसी भी हालत में स्क्रीन टाइम एक घंटे से ज्यादा न हो। अब तो बच्चों के साथ ही बड़े भी इन खेलों को खेल रहे हैं। गेम खेलना अट्रैक्शन से शुरू होता है फि र और अच्छा करने का मोटिवेशन मिलता है और फि र यह एडिक्शन में बदल जाता है ।
यह लक्षण मिले तो देर न करें – बच्चे सोसाइटी से कट ऑफ अकेले रहना पसंद करते हैं।
– फि जिकल एक्सरसाइज न होने से वजन बढऩा और उससे संबंधित समस्याएं। – अटेंशन कम कम होना।
– याददाश्त कम होने की समस्या।
– डिप्रेशन और एंजाइटी की समस्या । एेसे करें बचाव – बच्चों को फि जिकल एक्टिविटी खास तौर पर खेलों में शामिल करें ।
– बच्चों को समय दें, घर की बातों में उन्हें शामिल करें।
– बच्चों को समय दें, घर की बातों में उन्हें शामिल करें।
– पैरेंट्स खुद भी बच्चों के सामने मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल करें।
– बच्चों के सोशलाइजेशन पर ध्यान दें। – उन्हें कम से कम अकेले छोड़ें।
– बच्चों के सोशलाइजेशन पर ध्यान दें। – उन्हें कम से कम अकेले छोड़ें।