एजेंट के झांसे में आकर निवेश पीएसीएल नामक चिटफंड कम्पनी में निवेश करने वाले प्रेमनगर निवासी रमेश विश्वकर्मा ने बताया कि कंपनी के एजेंट ने उनके पास आकर बताया था कि इसमें निवेश करने पर राशि काफी कम समय में दोगुनी हो जाएगी। कंपनी के एजेंट लाल विश्वकर्मा ने उनके घर आकर महिलाओं का झांसा देकर कंपनी में निवेश करने के लिए राजी कर लिया। एजेंट लाला के झांसे में आकर पत्नी इंद्रकली विश्वकर्मा, पुत्र वधु पंचवती और पुत्री करिश्मा ने इस कंपनी में निवेश करना प्रारंभ कर दिया।
अचानक से एजेंट का आना बंद इसके बाद एजेंट लाला लगातार हर माह आकर राशि ले जाने लगा और भरोसे का फायदा उठाकर कभी रसीद देता और कभी नहीं। कभी-कभी इकट्ठा भी रसीदें दे देता था। यह क्रम साल भर चलता रहा लेकिन अचानक से एजेंट का आना बंद हो गया। जब एजेंट से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि कंपनी बंद हो गई है। जब उससे जमा राशि की मांग की जाती तो वह टाल मटोल करता रहा और आज तक राशि नहीं दी। अब कंपनी का दफ्तर भी नहीं है। यह शिकायत अकेले रमेश विश्वकर्मा की नहीं है, इस तरह एक सैकड़ा लोग अपनी राशि पाने इधर से उधर भटक रहे हैं।
कलेक्टर को है अधिकार
निवेशकों के हित का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत कंपनियों की यह जिम्मेदारी है कि निवेश के लिए जिला कलेक्टर से लाइसेंस प्राप्त करें तथा निवेश राशि व उसके भुगतान संबंधित रेकॉर्ड भी पेश करें। लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण ज्यादातर कंपनियां इस अधिनियम का पालन नहीं करतीं। इस कंपनी द्वारा भी कोई जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी गई।
निवेशकों के हित का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत कंपनियों की यह जिम्मेदारी है कि निवेश के लिए जिला कलेक्टर से लाइसेंस प्राप्त करें तथा निवेश राशि व उसके भुगतान संबंधित रेकॉर्ड भी पेश करें। लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण ज्यादातर कंपनियां इस अधिनियम का पालन नहीं करतीं। इस कंपनी द्वारा भी कोई जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी गई।
संरक्षण अधिनियम 2000 का सख्ती से पालन किया जाए जबकि हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि निवेशकों के हित का संरक्षण अधिनियम 2000 का सख्ती से पालन किया जाए। अभी हाल ही सीएस की मीटिंग में भी इस मामले में जिले से रिपोर्ट तलब की गई थी, जिसमें जिला प्रशासन ने गलत जानकारी देते हुए यहां एक भी चिटफंड कंपनी संचालित न होने या ऐसा मामला नहीं होने की जानकारी दी थी।
भरहुत नगर में था कार्यालय
पीएसीएल कंपनी का स्थानीय कार्यालय भरहुत नगर स्थित विद्या चैम्बर के प्रथम तल पर स्थित था। अब इस कार्यालय से कंपनी गायब हो गई है। कंपनी और इसके कर्मचारियों का कोई अता पता नहीं है। कंपनी के तीन डायरेक्टर गुरमीत, सुखदेव, सुब्रतो भट्टाचार्य हैं। जो पहले ग्वालियर में भी इसी तरह के फर्जीवाड़े में जेल की सलाखों में जा चुके हैं।
पीएसीएल कंपनी का स्थानीय कार्यालय भरहुत नगर स्थित विद्या चैम्बर के प्रथम तल पर स्थित था। अब इस कार्यालय से कंपनी गायब हो गई है। कंपनी और इसके कर्मचारियों का कोई अता पता नहीं है। कंपनी के तीन डायरेक्टर गुरमीत, सुखदेव, सुब्रतो भट्टाचार्य हैं। जो पहले ग्वालियर में भी इसी तरह के फर्जीवाड़े में जेल की सलाखों में जा चुके हैं।
ठोस पहल नहीं
रमेश ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने कलेक्टर से भी की है। लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल होती नजर नहीं आ रही है। कलेक्टर को की गई शिकायत में बांड की कापी सहित रसीदों की फोटोकॉपी भी दी गई है।
रमेश ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने कलेक्टर से भी की है। लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल होती नजर नहीं आ रही है। कलेक्टर को की गई शिकायत में बांड की कापी सहित रसीदों की फोटोकॉपी भी दी गई है।