बता दें कि, २७ मई को चित्रकूट के कांग्रेसी विधायक प्रेम सिंह का दिल का दौरा पडऩे के बाद निधन हो गया था। तब से ये सीट खाली थी। प्रेम सिंह चित्रकूट विधानसभा का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके है। वह १९९८, २००३ और २०१३ विधायक बने थे।
आचार संहिता का मतलब है चुनाव आयोग के निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लडऩे से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
चित्रकूट में चुनाव की तारीख एलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई हैं। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। वे आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करते हैं।