बैठक में सभी सदस्यों ने एक राय से सहमति दी कि प्रदेशाध्यक्ष जिस नाम की घोषणा करना चाहें, कर सकते हैं। पार्टी उपचुनाव में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। इस तरह टिकट को लेकर गेंद प्रदेशाध्यक्ष के पाले में है। माना जा रहा है कि आगामी दो दिन के अंदर नाम की घोषणा की जा सकती है। इसके बाद पार्टी पूरी ताकत से मैदान में उतर जाएगी।
ये है चित्रकूट से 10 दावेदार
प्रदेश कार्यालय में जिन नामों पर विचार-विमर्श किया गया। उनमें चित्रकूट के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, डीआरआई से जुड़ी नंदिता पाठक, सीनियर नेता चंद्र कमल त्रिपाठी, रिटायर्ड डीएसपी पन्नालाल अवस्थी, शंकर दयाल त्रिपाठी, युवा नेता सुभाष शर्मा डोली, श्रीकृष्ण मिश्रा, रामदास मिश्रा, रत्नाकर चतुर्वेदी और डॉ. हर्ष नारायण सिंह बघेल संभावित उम्मीदवारों के तौर पर के नाम सामने आए है।
प्रदेश कार्यालय में जिन नामों पर विचार-विमर्श किया गया। उनमें चित्रकूट के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, डीआरआई से जुड़ी नंदिता पाठक, सीनियर नेता चंद्र कमल त्रिपाठी, रिटायर्ड डीएसपी पन्नालाल अवस्थी, शंकर दयाल त्रिपाठी, युवा नेता सुभाष शर्मा डोली, श्रीकृष्ण मिश्रा, रामदास मिश्रा, रत्नाकर चतुर्वेदी और डॉ. हर्ष नारायण सिंह बघेल संभावित उम्मीदवारों के तौर पर के नाम सामने आए है।
फार्म तैयार कर रहे प्रत्याशी
सूत्रों की मानें तो जिन प्रत्याशियों को टिकट मिलने का दावा है वह नाम निर्देशन के लिए फार्म सहित अन्य दस्ताबेजों की तैयारी शुरू कर दिए है। बाद में कोई स्थानीय स्तर पर रुकावट न पैदा हो इसलिए कोई खतरा नहीं मोड़ ले रहे है। हालांकि ज्यादातर प्रत्याशियों की सांसे इस इंतजार में रुकी है कि कहीं हमारे सपनों पर पानी न फिर जाए।
सूत्रों की मानें तो जिन प्रत्याशियों को टिकट मिलने का दावा है वह नाम निर्देशन के लिए फार्म सहित अन्य दस्ताबेजों की तैयारी शुरू कर दिए है। बाद में कोई स्थानीय स्तर पर रुकावट न पैदा हो इसलिए कोई खतरा नहीं मोड़ ले रहे है। हालांकि ज्यादातर प्रत्याशियों की सांसे इस इंतजार में रुकी है कि कहीं हमारे सपनों पर पानी न फिर जाए।
स्थानीय स्तर पर बैठकों का दौर
भले ही टिकट की घोषणा नहीं हुई है लेकिन स्थानीय स्तर पर पार्टी में बैठकों का दौर चालू हो चुका है। शुक्र्रवार को भी पार्टी कार्यालय में बैठक हुई। इसमें स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी देने का काम किया गया। उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई।
भले ही टिकट की घोषणा नहीं हुई है लेकिन स्थानीय स्तर पर पार्टी में बैठकों का दौर चालू हो चुका है। शुक्र्रवार को भी पार्टी कार्यालय में बैठक हुई। इसमें स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी देने का काम किया गया। उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई।
दुविधा में दावेदार
भाजपा में टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार हैं। चुनाव समिति की बैठक में 10 नामों पर चर्चा हुई। उन्होंने अपनी तरफ से दावेदारी कर रखी है। इस स्थिति को देखते हुए दावेदार ही दुविधा में हैं कि किसको टिकट मिलेगी और कौन-कौन मायूस होगा।
भाजपा में टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार हैं। चुनाव समिति की बैठक में 10 नामों पर चर्चा हुई। उन्होंने अपनी तरफ से दावेदारी कर रखी है। इस स्थिति को देखते हुए दावेदार ही दुविधा में हैं कि किसको टिकट मिलेगी और कौन-कौन मायूस होगा।