बता दें कि, भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में दीपदान करने का शास्त्रों में बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। दीपावली के अवसर पर मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद लाखों भक्त पहले दीपदान करते है। फिर इसके बाद भगवान कामतानाथ के दर्शन उपरांत कामदगिरी पर्वत की 5 किमी. की परिक्रमा लगाई जाती है। पुण्य लाभ अर्जित करने की कामना को लेकर अभी तक 10 लाख श्रद्धालु चित्रकूट पहुंच चुके है। देर शाम तक यह संख्या 50 लाख तक पहुंचने का अनुमान पुलिस-प्रशासन ने लगाया है।
धनतेरस से शुरू होने वाला दीपदान मेला भाई दूज तक चलता है। ऐसी मान्यता है कि लंकापति रावण से विजय प्राप्त करने के बाद प्रभु श्रीराम अयोध्या लौटते समय चित्रकूट रूके थे। यहां के ऋषि-मुनियों का आशीर्वाद लिया था। उस दौरान चित्रकूट में श्रीराम के स्वागत व उनके अयोध्या लौटने की खुशी में यहां के कोल, भील आदि आदिवासियों ने दीप जलाए थे। इसका उल्लेख रामचरित मानस सहित कई पौराणिक ग्रंथों में किया गया है।
मेला प्रभारी एवं सीईओ जिला पंचायत साकेत मालवीय ने चित्रकूट की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगाया गया है। तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की तैनाती की गई है। आधा दर्जन चिह्नित स्थानों पर एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को तैनात किया गया है। ओवरहाल एक हजार जिला पुलिस बल के जवान, कुछ पीटीएस के जवानों को भी तैनात किया गया है।
पैदल जा रही महिला की टक्कर लगने से मौत
बताया गया कि नयागांव थाना क्षेत्र के चित्रकूट स्थित दर्शनीयस्थल गोदावरी जा रही महिला की एक कार की टक्कर लगने के बाद मौत हो गई। जिस महिला श्रद्धालु की मौत हुई है वह शहडोल जिला की रहने वाली है। 50 वर्षीय महिला की हादसे में मौत के बाद नयागांव पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। इधर, मृतका के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है।
बताया गया कि नयागांव थाना क्षेत्र के चित्रकूट स्थित दर्शनीयस्थल गोदावरी जा रही महिला की एक कार की टक्कर लगने के बाद मौत हो गई। जिस महिला श्रद्धालु की मौत हुई है वह शहडोल जिला की रहने वाली है। 50 वर्षीय महिला की हादसे में मौत के बाद नयागांव पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। इधर, मृतका के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है।