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चित्रकूट में सरकार के मुखिया शिवराज भी नहीं बचा पाए भाजपा प्रत्याशी शंकर की लाज

locationसतनाPublished: Nov 12, 2017 05:11:59 pm

Submitted by:

suresh mishra

मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं आया काम, चित्रकूट उपचुनाव में जनता को भांपने में भाजपा के दिग्गज असफल हो गए हैं। वे न घर बचा पाए, न ही विरोधी के किले को भेद

CM Shivraj will hold 12 meetings 3 days in Chitrakoot

CM Shivraj will hold 12 meetings 3 days in Chitrakoot

सतना. चित्रकूट उपचुनाव में जनता को भांपने में भाजपा के दिग्गज असफल हो गए हैं। वे न घर बचा पाए, न ही विरोधी के किले को भेद पाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि काम नहीं आई। आलम ये रहा कि वे जहां-जहां प्रचार करने गए, वहां भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। जनसभा, रोड शो, रथयात्रा व गांव में रात्रि विश्राम काम नहीं आया।
मुख्यमंत्री ने पहली रात तुर्रा गांव में वनवासी लालमनी के यहां गुजारी थी। जिसके लिए आनन-फानन में व्यवस्था की गई थी। रातभर गांव में रहना, चौपाल लगाना सभी बेमानी साबित हुआ। नतीजा भाजपा के पक्ष में नहीं आया। तुर्रा पंचायत में कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी को 413 और भाजपा उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी को 203 वोट मिलें हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने चित्रकूट विधानसभा चुनाव के लिए अर्जुनपुर, बरौंधा, प्रतापगंज, हिरौंधी, पिंडरा, मझगवां में चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। यहां सभी जगह पर भाजपा के प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी पिछड़ गए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी ने इन सभी जगहों पर बढ़त हासिल की है।
हर जगह भद पिटी
मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार के दौरान तुर्रा व सरभंगा में रात्रि विश्राम किए। दोनो गांवों में उनके जाने के बाद भाजपा नेताओं की हरकत ने भद पिटवाई। तुर्रा में वनवासी के घर में जो व्यवस्था की गई थी, मुख्यमंत्री के जाने के बाद खिडक़ी-दरवाजे तक भाजपा नेता लेकर चले गए। वहीं सरभंगा में खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन होते रहा। सांसद निधि से दिए गए टैंकर से पानी सप्लाई की गई। टैंकर पर साफ तौर पर सांसद गणेश सिंह लिखा हुआ था।
स्थानीय का दरकिनार करना पड़ा भारी
इस चुनाव में भाजपा को स्थानीय संगठन को दरकिनार करना भारी पड़ गया है। पुरा चुनाव प्रदेश संगठन व कुछ स्थानीय नेताओं के बीच तक सीमित हो गया था। स्थानीय संगठन का बड़ा हिस्सा दरकिनार हो गया था। उसका उपयोग शीर्ष नेतृत्व नहीं कर पाया। जिससे स्थानीय समीकरण को समझने व स्थितियों को भांपने में रणनीतिकार असफल साबित हुए।
https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/929626501527437312?ref_src=twsrc%5Etfw
CM Shivraj in Chitrakoot
IMAGE CREDIT: patrika
मुख्यमंत्री के बल पर मैदान में
इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी व संगठन अपने दम पर चुनाव मैदान में नहीं दिखाई दिए। बल्कि, सभी के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा ही सहारा था। अंतिम समय तक उम्मीद की जा रही थी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के छवि के बल पर चुनाव जीत जाएंगे। जो पार्टी के लिए नुकसान दायक साबित हुआ।
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