ऑटो से पहुंची थीं महिलाएं
पुलिस का कहना है कि सीतापुर निवासी आठ महिलाएं ऑटो में सवार होकर प्रमोद वन की छुही खदान पहुंची थीं। इनमें मृत महिलाओं के अलावा रुक्मनी पत्नी कैलाश खटिक, रुक्मनि पत्नी फूलचंद खटिक, शकुंतला पत्नी देवीदीन खटिक, भूरी पत्नी हीरालाल, सुकराना पत्नी लक्ष्मी खटिक भी खदान से छुही निकालने पहुंची थीं। जब यह आठ महिलाएं पहुंचीं तो वहां कयली केवट पहले से छुही खोद रही थी। एेसे में ऑटो से पहुंची पांच महिलाएं अपनी बारी आने का इंतजार करने लगीं और इनके तीन साथी खदान में घुस गए।
पुलिस का कहना है कि सीतापुर निवासी आठ महिलाएं ऑटो में सवार होकर प्रमोद वन की छुही खदान पहुंची थीं। इनमें मृत महिलाओं के अलावा रुक्मनी पत्नी कैलाश खटिक, रुक्मनि पत्नी फूलचंद खटिक, शकुंतला पत्नी देवीदीन खटिक, भूरी पत्नी हीरालाल, सुकराना पत्नी लक्ष्मी खटिक भी खदान से छुही निकालने पहुंची थीं। जब यह आठ महिलाएं पहुंचीं तो वहां कयली केवट पहले से छुही खोद रही थी। एेसे में ऑटो से पहुंची पांच महिलाएं अपनी बारी आने का इंतजार करने लगीं और इनके तीन साथी खदान में घुस गए।
मशीन से खोदकर निकाला
जानकारी मिली है कि खदान धंसकने के बाद कयली बाहर तरफ नजर आ रही थी। एेसे में उसे बाहर निकाल कर तत्काल अस्पताल भेज दिया गया। जबकि नाबालिग लड़की समेत बाकी दो महिलाएं अंदर की ओर थीं जो खदान में दब चुकी थीं। घटना स्थल पर ही मशीन बुलाकर छुही खदान को खोदा गया। इसके बाद तीनों किशोरी और महिलाओं को बाहर निकाला। इन तीनों की मृत्यु की पुष्टि जानकीकुण्ड अस्पताल में होने पर पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम करा दिए हैं। जबकि कयली का पोस्टमार्टम रविवार को कराया जाएगा।
जानकारी मिली है कि खदान धंसकने के बाद कयली बाहर तरफ नजर आ रही थी। एेसे में उसे बाहर निकाल कर तत्काल अस्पताल भेज दिया गया। जबकि नाबालिग लड़की समेत बाकी दो महिलाएं अंदर की ओर थीं जो खदान में दब चुकी थीं। घटना स्थल पर ही मशीन बुलाकर छुही खदान को खोदा गया। इसके बाद तीनों किशोरी और महिलाओं को बाहर निकाला। इन तीनों की मृत्यु की पुष्टि जानकीकुण्ड अस्पताल में होने पर पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम करा दिए हैं। जबकि कयली का पोस्टमार्टम रविवार को कराया जाएगा।