स्वच्छता और शौचालयों को लेकर की जाने वाली शिकायतों की जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि इसके निराकरण में प्रदेश के 13 जिले रुचि नहीं ले रहे हैं। लंबित शिकायतों की संख्या सर्वाधिक भिण्ड में
300 दिनों से अधिक समय से लंबित शिकायतों की संख्या इन जिलों में सर्वाधिक है। भिण्ड में 813 शिकायतें लंबित हैं तो सतना जिले में लंबित शिकायतों की संख्या 554 है। जिसमें से 368 तो लेबल 4 (शासन स्तर) तक पहुंच चुकी हैं। इसमें 300 से ज्यादा दिनों से लंबित शिकायतों की संख्या 35 है।
नहीं हो रहा समाधानकारक निराकरण
संयुक्त आयुक्त राज्य स्वच्छ भारत मिशन अरुण कुमार श्रीवास्तव ने जिपं सीईओ को बताया है कि जिलों द्वारा समाधानकारण निराकरण नहीं करने के कारण काफी संख्या में 300 दिवस की शिकायतें लंबित है। कहा गया है कि शिकायतों को लेकर मैदानी अमले को निराकरण के प्रति गंभीरता बरतने कहा गया है ताकि शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण हो सके।
संयुक्त आयुक्त राज्य स्वच्छ भारत मिशन अरुण कुमार श्रीवास्तव ने जिपं सीईओ को बताया है कि जिलों द्वारा समाधानकारण निराकरण नहीं करने के कारण काफी संख्या में 300 दिवस की शिकायतें लंबित है। कहा गया है कि शिकायतों को लेकर मैदानी अमले को निराकरण के प्रति गंभीरता बरतने कहा गया है ताकि शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण हो सके।
सितंबर में सीएम करेंगे समीक्षा
बताया गया है कि इस बार सीएम समाधान आनलाइन का विषय स्वच्छ भारत मिशन है। लिहाजा इससे लंबित शिकायतें सीएम खुद देखेंगे। ऐसे में जिपं सीईओ का कहा गया है कि विशेष प्रयास करके सितंबर की समाधान आनलाइन के पहले ही इसका निराकरण कर लें।
बताया गया है कि इस बार सीएम समाधान आनलाइन का विषय स्वच्छ भारत मिशन है। लिहाजा इससे लंबित शिकायतें सीएम खुद देखेंगे। ऐसे में जिपं सीईओ का कहा गया है कि विशेष प्रयास करके सितंबर की समाधान आनलाइन के पहले ही इसका निराकरण कर लें।
इन जिलों की स्थिति कमजोर
बताया गया है कि जिन जिलों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की 300 दिन से ज्यादा समय की शिकायतें लंबित हैं उनमें सतना सहित उमरिया, कटनी, छतरपुर, दमोह, धार, पन्ना, भिण्ड, मुरैना, रीवा, शिवपुरी और सिंगरौली हैं।
बताया गया है कि जिन जिलों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की 300 दिन से ज्यादा समय की शिकायतें लंबित हैं उनमें सतना सहित उमरिया, कटनी, छतरपुर, दमोह, धार, पन्ना, भिण्ड, मुरैना, रीवा, शिवपुरी और सिंगरौली हैं।