सतना

Raigaon assembly by-election: सीएम और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं दूर कर पाए पार्टी का संकट

-Raigaon assembly by-election: बीजेपी प्रत्याशी के समक्ष परिवार के चार सदस्यों की चुनौती

सतनाOct 10, 2021 / 11:00 am

Ajay Chaturvedi

रैगांव विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी का संकट बढा

सतना. Raigaon assembly by-election भारतीय जनता पार्टी के लिए बेचैनी पैदा करने वाला बन गया है। यहां तक कि पार्टी को संकट से उबारने के लिए खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सतना के रैगांव क्षेत्र पहुंचे। लेकिन संकट अभी भी बरकरार है।
आलम ये है कि रैगांव विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को प्रतिद्वंद्वियों से ज्यादा अपनी ही पार्टी के भीतर के घमासान से जूझना पड़ रहा है। ये संकट उसी परिवार ने खड़ा किया है जिसके बुजुर्ग के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है। बता दें कि 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जुगल किशोर बारगी ने कांग्रेस उम्मीदवार कल्पना वर्मा को 17 हजार मतों से पराजित कर पार्टी का झंडा बुलंद किया था। लेकिन उनके निधन के बाद इसी परिवार से पांच-पांच सदस्यों ने पर्चा दाखिल कर पार्टी के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है।
यहां ये भी बता दें की पार्टी का ये संकट दूर करने के लिए शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा रैगांव पहुंचे थे। सीएम चौहान के सतना पहुंचने पर दिवंगत विधायक जुगुल किशोर बागरी के पुत्र पुष्पराज बागरी को सीएम से मुलाकात के लिए भरहुत होटल में बुलाया गया। हालांकि सीएम के सतना दौरे के पहले ही पुष्पराज ने कहा था कि वो सीएम शिवराज की बैठक में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया था। लेकिन कहा जा रहा है कि वो मुख्यमंत्री के बुलावे होटल पहुंचे जहां भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी, सांसद गणेश सिंह की मौजूदगी में पुष्पराज के साथ देर तक मंत्रणा हुई। बैठक के बाद जब सीएम चौहान होटल से बाहर निकले तो उनके साथ पुष्पराज बागरी भी नजर आए और दोनों एक ही गाड़ी में बैठ कर कहीं गए भी। बावजूद इसके टिकट न मिलने से नाराज दिवंगत विधायक जुगुल किशोर बागरी के बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी ने अंततः निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रैगांव विधानसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
यहां बता दें कि पार्टी ने बागरी परिवार की बहू प्रतिमा बागरी को प्रत्याशी घोषित किया है। लेकिन इसी परिवार से पुष्पराज के अलावा छोटी बहू वंदना बागरी, रानी बागरी ने भी बतौर निर्दल प्रत्याशी परचा दाखिल किया है। इसके अलावा स्व जुगल के रिश्ते में भतीजा लगने वाले धीरू ने सपा से पर्चा दाखिल किया है। इस तरह से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी प्रतिमा को अपने ही घर से बगावत का सामना करना पड़ रहा है। उधर टिकट न मिलने से नाराज पुष्पराज बागरी ने सब कुछ रैगांव क्षेत्र की जनता पर छोड़ दिया है।
इस मसले पर राजनीतिक पंडितों का विचार है कि अब भाजपा को इस उपचुनाव में प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पहले अपनी ही पार्टी के लोगों से जूझना होगा। एक साथ एक ही परिवार के चार-चार प्रत्याशियों से लड़ना भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है। इस बीच रैगांव उपचुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को कुल 19 प्रत्याशियों ने परचा दाखिल किया है।
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