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सीएमओ गिड़गिड़ाए… साहब इस बार माफ कर दीजिए दोबारा गलती नहीं होगी

locationसतनाPublished: Feb 13, 2021 01:53:19 pm

Submitted by:

Ramashankar Sharma

अवैध खनन में पकड़े गये ठेकेदार के बचाव में उतरे कोठी नगर परिषद के सीएमओ ने पक्ष में किया पत्राचार। बताया कि नगर परिषद के सरकारी काम के लिए हो रहा था खनन। अनाधिकार ऐसी कुचेष्टा पर कलेक्टर ने सीएमओ को तलब कर लगाई जमकर फटकार। हाथ जोड़े खड़े रहे सीएमओ।

CMO begging ... sir, forgive this time there will be no mistake again

CMO begging … sir, forgive this time there will be no mistake again

सतना.नगर पंचायत क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर जब राजस्व अधिकारी या खनिज विभाग कार्रवाई करता है तो प्रायः देखने में आता है कि संबंधित नगर परिषद के सीएमओ उस अवैध खनन कर्ता के बचाव में आ जाते हैं। वे समर्थन में ये लिख कर दे देते हैं कि संबंधित मिट्टी या मुरुम उनकी अनुमति पर शासकीय कार्य के लिए खोदी जा रही थी। जबकि यह नियम विरुद्ध है। ऐसा ही मामला कोठी नगर परिषद में सामने आया था। जिसमें सीएमओ ने उसके बचाव में लेख कर दिया था। जिस पर कलेक्टर ने सीएमओ को तलब कर जमकर फटकार लगाई। कहा कि अभी ऊपर लिख दूंगा तो नौकरी चली जाएगी। इस पूरे दौरान सीएमओ हाथ जोड़े माफी मांगते यह कहते रहे कि इस बार माफ कर दीजिए दोबारा गलती नहीं होगी।
तहसीलदार ने की थी कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार कोठी में मिट्टी का अवैध खनन की शिकायत पर तहसीलदार गणेश देशभ्रतार ने कार्रवाई करते हुए प्रकरण बनाया था। जैसे ही इस मामले का प्रकरण बना उधर सीएमओ ने अवैध खननकर्ता के पक्ष में पत्राचार करते हुए नगर परिषद के लिए काम होना बताया और बचाव की कोशिश में जुट गए।
वरना धो बैठोगे से नौकरी से हाथ

मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने पर सीएमओ कोठी को बुला भेजा। कहा जब टेंडर होता है तो एसओआर में खनिज का रेट जुड़ा रहता है। फिर तुम लोग कैसे इस तरह के पत्र लिखते हो। उचेहरा में भी इसी तरह के मामले में सीएमओ बचाव में उतरा था। ये सब बंद कर दो। शासन को लिख दिया तो नौकरी से हाथ धो बैठोगे। साथ ही सभी सीएमओ के लिए स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी अवैध खनन की कार्रवाई में सीएमओ शासकीय कार्य या परिषद का कार्य होने का लेख नहीं देंगे। अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ठोंका लंबा जुर्माना
इस मामले में मौके से जेसीबी भी जब्त कर ली गई थी। कलेक्टर ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 1.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही यह भी आदेशित किया कि जब तक राशि जमा नहीं की जाती है तब तक जेसीबी को न छोड़ा जाए।

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