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भरी बैठक में सीएमएचओ की कार्यप्रणाली पर भड़के कलेक्टर

locationसतनाPublished: Dec 03, 2019 12:45:26 am

Submitted by:

Ramashankar Sharma

कहा, या तो वे मैहर में रहेंगे या फिर सीएमएचओ रहेंगे
तबादलों पर भी डीईओ की ली क्लास, कहा सही गलत देखना आपकी जिम्मेदारी थी
 
 

Collector rages on the functioning of CMHO in a full meeting

Collector rages on the functioning of CMHO in a full meeting

सतना. समय सीमा बैठक में कलेक्टर सतेन्द्र सिंह ने बिरसिंहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रोटोकॉल के विरुद्ध हुई नसबंदी के मामले में जमकर नाराज हुए। उन्होंने सीएमएचओ डॉ अशोक अवधिया की लचर कार्य प्रणाली पर जमकर बिफरे। सीएमएचओ के आए दिन जिला मुख्यालय से बाहर रहने की आदत पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अब या तो वे मैहर में रहेंगे या फिर सीएमएचओ रहेंगे। बैठक में उन्होंने हाल ही में हुए तबादलों पर भी असंतोष जताया। डीईओ से कहा कि अतिशेष देखना तो आपका ही काम है। इस दौरान जिपं सीईओ ऋजु बाफना, अपर कलेक्टर आईजे खलखो सहित जिला स्तरीय विभाग प्रमुख मौजूद रहे।
स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही फोकस

सोमवार को आयोजित समय सीमा बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं में बरती जा रही लापरवाही फोकस में रही। बिरसिंहपुर में प्रोटोकॉल के विरुद्ध हुए आपरेशनों को लेकर कलेक्टर ने सीएमएचओ से जानकारी चाही तो पता चला कि वे यहां हैं नहीं। किसी अस्पताल के भूमि पूजन कार्यक्रम में है। इसके बाद कलेक्टर ने तहसीलदार बिरसिंहपुर से फोन लगाकर पूछा कि आप मौके पर गये थे? शिविर का टाइम क्या था? डाक्टर कितने बजे आए थे? जिस पर तहसीलदार ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि डाक्टर ५ बजे पहुंचे थे। यह जानकारी मिलते ही कलेक्टर और नाराज हो गए। उन्होंने तत्काल अपर कलेक्टर से कहा कि आप डीएचओ के साथ स्वयं जाइए और पूरी जांच कीजिए। इसके साथ ही सभी एसडीएम से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र की सीएचसी और पीएचसी की जांच करें और उपलब्ध सुविधाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करें। इस दौरान यह भी चेताया कि अगर ऐसे में शिविर के दौरान किसी की मौत होती है तो डाक्टर को जेल भेजूंगा। इस दौरान एक बार फिर वे सीएमएचओ की लापरवाही पर भड़क गए। कहा कि लापरवाही की हद होती है। कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है। अब देखते हैं, वे या तो मैहर में रहेंगे या फिर सीएमएचओ रहेंगे।
तबादलों पर भी जताई नाराजगी

बैठक में कलेक्टर ने स्कूल शिक्षा विभाग में विगत सप्ताह हुए तबादलों पर भी आपत्ति जाहिर की। डीईओ से पूछा कि ये क्या है कि कहीं स्कूल खाली हो गए और कहीं अतिशेष हैं। जवाब में डीईओ ने बताया कि, अतिशेष पहले के हैं उन्होंने नहीं किये हैं। जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अतिशेष देखना भी तो आपकी जिम्मेदारी है। ये तबादले तो इसी के लिये थे। इस दौरान जिपं सीईओ ने भी कहा कि गड़बड़ी तो हुई है। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिये समिति बनाएं। जिला स्तर पर निर्भर नहीं रहें। बीईओ बीआरसीसी को भी समिति में रखें और अतिशेष का ब्यौरा लें।
मामलों को निपटाने की समय सीमा तय की

कलेक्टर ने आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम सहित सीएम मॉनिट के प्रकरणों की समीक्षा की। कहा कि नवंबर के पहले के सभी मामलों को 10 दिन में निराकृत करें। दिसम्बर माह से फ रवरी तक जिन ग्रामों में कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं, उन ग्रामों की सूची तैयार कर भेजें। इन ग्रामों की समस्याओं का शत-प्रतिशत निराकरण करना सुनिश्चित करें। ग्रामीणों को जाति प्रमाण-पत्र, ऋ ण पुस्तिका, खसरा बी-1, भवनों की पुताई, रंगाई, ऋण माफी , बीपीएल में नाम जोड़ना, काटना सहित अन्य कार्य कराए जाएं। जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण हो जाए।
गौशालाओं में बनाए निर्मल नीर
कलेक्टर ने जिले में स्वीकृत गौशालाओं की प्रगति की विकासखण्डवार समीक्षा करते हुए गौशालाओं में निर्मल नीर बनाने, समिति गठित कर जनपद स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित करने तथा आगामी वित्तीय वर्ष में नवीन गौशालाएं खोलने हेतु जमीन का चयन करने के लिए अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।

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