बताया गया, रिमारी गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी। इन ग्रामीणों को समझाने के लिए पूर्व आयोग सदस्य पहुंचे थे। वे कथित ऑडियो में यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि लक्ष्मी जहां खड़ा होता है धरती हिलने लगती है। मत दो वोट, हम खुद डलवा लेंगे। इस दौरान वे एक युवक से बहस करते भी सुनाई दे रहे हैं कि वह रिकॉर्डिंग बंद करे। जब वह नहीं मानता है तो धमकी भरे शब्द बोले जाते हैं और कानूनी कार्रवाई की बात की जाती है। उसके बाद भी युवक नहीं मानता तो समझाने का प्रयास करते हैं कि जनसभा व प्राइवेसी में अंतर क्या है? इसलिए वह रिकॉर्डिंग न करे।
लगभग 10 मिनट के ऑडियो में वे यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि जब ठाकुर विधायक था तो तुम लोगों ने कुछ नहीं बोला। जब गरीब ब्राह्मण शंकर चुनाव लड़ रहा है तो बहिष्कार की बात कर रहे हो। प्रेम सिंह बरौंधा मूंछ रखते थे, तो डर लगता था, इसलिए नहीं बोलते थे। सुरेंद्र ङ्क्षसह विधायक थे तब भी विकास की बात नहीं किए। अब ब्राह्मण चुनाव लड़ रहा है तो तुम लोगों को विकास दिखाई दे रहा है। इस दौरान उनके बेबाक बोल चर्चा का विषय बन गए।
वे ग्रामीणों को धमकाते हुए आचार संहिता का उल्लंघन करते भी सुनाई दे रहे हैं। रिकॉर्डिंग को सही माना जाए तो वे बोल रहे हैं कि तुम लोग स्कूल के उन्नयन की बात कर रहे हो। अगर, भाजपा प्रत्याशी जीतता है तो हम बोल रहे हैं कि हो जाएगा। अगर, ऐसा नहीं होता है तो मुख्यमंत्री भी करेंगे तो हम रोक देंगे। नहीं होने देंगे उन्नयन। इसलिए वोट करो और भाजपा को जिताओ।
चित्रकूट उपचुनाव में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है। पहले भी कई चुनावी सभा में सत्ता पक्ष के द्वारा धमकियों भरा भाषण दिया गया था। हाल ही में वायरल हुए ऑडियो ने बवाल मचा दिया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि आवाज पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य लक्ष्मी यादव की है। वे मतदाताओं पर दबाव डालने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए प्रेक्षक ने मामले को संज्ञान में लिया है।
अश्वनी कुमार, प्रेक्षक चित्रकूट उपचुनाव एवं आईएएस पंजाब कैडर
राकेश खुसरे, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी