जो लोग पार्षद या प्रत्याशी नहीं है वे बाहर चले जाएं चर्चा है कि जब प्रभारी मंत्री ही इस तरह का व्यवहार करेंगे तो उससे संगठन के लोगों की ताकत कम होगी। बैठक जब शुरू हुई तो प्रभारी मंत्री ने कहा कि जो लोग पार्षद या प्रत्याशी नहीं है वे बाहर चले जाएं। इसके बाद ज्यादातर लोग चले गए। लेकिन कांग्रेस संगठन से जुड़े कई पदाधिकारी यहां मौजूद रहे। जब चर्चा प्रारंभ हुई तो एक प्रदेश स्तर के पदाधिकारी ने अपना पक्ष रखा तो प्रभारी मंत्री ने उन्हें तल्खी में काफी कुछ सुना दिया।
गैर वांछित लोगों को बाहर जाने का निर्देश यह तक कह दिया कि यह आपका फोरम नहीं है जो आप यहां बात रख रहे हैं। जब आपके फोरम में बात होगी तब रखियेगा। इसके साथ ही फिर से एक बार गैर वांछित लोगों को बाहर जाने का निर्देश दिया। इस दौरान तक तल्खी की स्थिति को देखते हुए सभी पदाधिकारी बाहर चले गए। लेकिन यहां एक महिला बैठी रहीं जो कांग्रेस की पदाधिकारी और सदस्य भी नहीं है। इसको लेकर बाहर कांग्रेसियों में ही असंतोष देखने को मिला।
सतह पर आया आक्रोश
प्रभारी मंत्री की तल्खी के बाद बैठक से बाहर आए कांग्रेसियों का असंतोष दूसरे दिन आक्रोश के रूप में देखा गया। सतह तक आ चुके मामले में कांग्रेसियों को इस पर आपत्ति थी कि संगठन को महत्व न देकर उनका कद तो छोटा किया लेकिन कुछ ऐसे लोगों को बैठने की अनुमति दे दी जो कांग्रेसी ही नहीं है। ऐसे में ही कांग्रेस का नुकसान होता है।