तबीयत ज्यादा ही बिगड़ गई तो उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। विधायक का हाल जानने के लिए कलेक्टर अजय कटेसरिया व एसपी रियाज इकबाल जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में विधायक से हुई वार्ता के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने विधायक को जूस पिलाकर अनशन समाप्त करा दिया। कलेक्टर ने विधायक को आश्वासन दिया कि फैक्ट्री से निकाले गए श्रमिकों को दोबारा काम पर वापस लाया जाएगा।
विधायक सिद्घार्थ कुशवाहा का आरोप है कि लॉकडाउन की आड़ में भिलाई जेपी सीमेंट प्रबंधन ने 200 ठेका श्रमिकों को नौकरी से बाहर कर दिया। 23 अप्रैल से जब फैक्ट्री में प्रोडक्शन चालू किया गया तो साढ़े 300 नियमित श्रमिकों के अलावा शेष नए ठेका श्रमिकों को लेकर काम चालू कर दिया गया। ठेके के नए श्रमिकों को काम पर लेने की भनक जब पुराने ठेका श्रमिकों को लगी तो आंदोलन शुरू हो गया। इस मामले में जब विधायक सिद्घार्थ कुशवाहा ने हस्तक्षेप किया तो प्रबंधन ने जरूरत के हिसाब से पुराने ठेका श्रमिकों को काम पर लेने का आश्वासन दिया और शर्त रखी कि काम पर आने वाले श्रमिकों को माफीनामा देना होगा। आंदोलन को जब गति मिली तो प्रशासन के साथ दो बार त्रिपक्षीय बातचीत हुई थी। लेकिन दोनों वार्ताएं भी अंततः विफल हो गईं। इसके बाद विधायक सिद्घार्थ कुशवाहा ने कलेक्ट्रेट भवन के गेट पर आमरण अनशन शुरू कर दिया था।