सतना से कांग्रेस विधायक ने कहा कि मैं पार्टी में उस वक्त शामिल हुआ था, जिस वक्त पार्टी बूरे दौर से गुजर रही थी। उस वक्त पार्टी नेतृत्व ने वादा किया था कि आपके समाज के लोगों को पूरा सम्मान दिया जाएगा। 2018 विधानसभा चुनाव में समाज के तीन लोगों को टिकट दिया गया, जनमें दों लोगों ने चुनाव जीतकर विधानसभा भी पहुंचे। इसके अलावा पार्टी ने लोकसभा चुनाव में भी समाज के लोगों को टिकट देने का वादा किया था, लेकिन टिकट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को टिकट नहीं मिलने से लोग नाराज हैं, ऐसे में हम इस चुनाव से दूर रहेंगे और किसी के लिए प्रचार नहीं करेंगे।
कौन हैंं सिद्धार्थ कुशवाहा सिद्धार्थ कुशवाहा 2015 मे कांग्रेस में शामिल हुए थे। 2018 विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर सतना से चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। बताया जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा पत्नी के लिए टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन पार्टी ने यहां से राजाराम त्रिपाटी को चुनाव मैदान में उतारा दिया।
पार्टी नेतृत्व से हैं नाराज बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ कुशवाहा, पत्नी को टिकट नहीं से मिलने से नाराज हैं। यही कारण है कि उन्होंने समाज की दुहाई देकर चुनाव प्रचार से खुद को अलग कर लिया है। बताया जा रहा है कि सतना संसदीय क्षेत्र में कुशवाहा सामाज के लोगों की तादाद ठीक ठाक है। ऐसे में सिद्धार्थ कुशवाहा के चुनाव प्रचार से अलग हो जाने से इसका असर चुनाव पर भी पड़ेगा।
भाजपा से गणेश सिंह हैं मैदान में वहीं, सतना लोकसभा सीट से भाजपा ने गणेश सिंह पटेल को टिकट दिया है। गणेश सिंह पटेल यहां से वर्तमान में सांसद हैं। यहां से तीन बार जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने वाले सतना के पहले सांसद हैं।