जिसकी सिफारिश पर उन्हें पद मिलना है। अब तक अपने समर्थकों को पद दिलाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाने वाले नेताओं को भी इस बार अधिक भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है। पर्यवेक्षकों ने कहा है कि पार्टी की जो गाइड लाइन है उसी के तहत ही पद मिलेगा। सेक्टर, मंडलम और ब्लाक इकाइयों के लिए पदाधिकारियों का नए सिरे से चयन किया जाएगा।
टिकट के चक्कर में नेता लिखवा रहे अपना नाम
एआईसीसी के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में लिए जा रहे आवेदनों को कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं ने लोकप्रियता का पैमाना मान लिया है। इस कारण अपने समर्थकों से अधिक से अधिक संख्या में फार्म भरवा रहे हैं ताकि यह मैसेज दिया जा सके कि वह कार्यकर्ताओं के बीच अधिक लोकप्रिय हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी उन्हें विधानसभा का टिकट भी जारी कर दे।
एआईसीसी के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में लिए जा रहे आवेदनों को कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं ने लोकप्रियता का पैमाना मान लिया है। इस कारण अपने समर्थकों से अधिक से अधिक संख्या में फार्म भरवा रहे हैं ताकि यह मैसेज दिया जा सके कि वह कार्यकर्ताओं के बीच अधिक लोकप्रिय हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी उन्हें विधानसभा का टिकट भी जारी कर दे।
पर्यवेक्षकों ने कहा नेताओं की होगी जवाबदेही
कुछ कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षकों के सामने यह खुलासा किया है कि नेताओं के कहने पर वह उनका नाम लिख रहे हैं। जिसके चलते अब पर्यवेक्षकों ने कहा है कि संबंधित नेता के सहमति हस्ताक्षर लिए जाएंगे और संबंधित कार्यकर्ता की कोई गलती पाई गई तो उसके जवाबदेह संबंधित नेता होंगे।
कुछ कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षकों के सामने यह खुलासा किया है कि नेताओं के कहने पर वह उनका नाम लिख रहे हैं। जिसके चलते अब पर्यवेक्षकों ने कहा है कि संबंधित नेता के सहमति हस्ताक्षर लिए जाएंगे और संबंधित कार्यकर्ता की कोई गलती पाई गई तो उसके जवाबदेह संबंधित नेता होंगे।
पर्यवेक्षकों ने कहा भीड़ दिखाने की जरूरत नहीं
विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे पर्यवेक्षकों को अपनी ताकत दिखाने के लिए नेता ऐसे लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं जो पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं। कई स्थानों पर वाहनों की रैली और श्रमिकों को लेकर भी नेता पहुंचे थे। इस कारण केन्द्रीय पर्यवेक्षक जितेन्द्र सिंह और मनोज त्रिवेदी ने बैठकों में ऐलान किया है कि भीड़ दिखाने का प्रयास नहीं करें, इसकी वजह से मूल कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित नहीं हो पा रहा है। संगठन के लिए ऐसी भीड़ के कोई मायने नहीं होते।
विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे पर्यवेक्षकों को अपनी ताकत दिखाने के लिए नेता ऐसे लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं जो पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं। कई स्थानों पर वाहनों की रैली और श्रमिकों को लेकर भी नेता पहुंचे थे। इस कारण केन्द्रीय पर्यवेक्षक जितेन्द्र सिंह और मनोज त्रिवेदी ने बैठकों में ऐलान किया है कि भीड़ दिखाने का प्रयास नहीं करें, इसकी वजह से मूल कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित नहीं हो पा रहा है। संगठन के लिए ऐसी भीड़ के कोई मायने नहीं होते।
सेमरिया विधानसभा में फिर होगी बैठक
सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के ब्लाक मुख्यालयों में फिर से पर्यवेक्षक बैठक लेंगे। इसके लिए 16 फरवरी को तिथि तय की गई है। यहां पर पहली बैठक होने की वजह से हर जगह के बूथ और सेक्टर के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाए थे, इस कारण 16 को फिर से बैठक बुलाई गई है। कई स्थानों से कार्यकर्ताओं ने कहा है कि वह सूचना नहीं मिलने की वजह से शामिल नहीं हो पाए थे। इस वजह से अलग से बैठक की तिथि निर्धारित की गई है।
सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के ब्लाक मुख्यालयों में फिर से पर्यवेक्षक बैठक लेंगे। इसके लिए 16 फरवरी को तिथि तय की गई है। यहां पर पहली बैठक होने की वजह से हर जगह के बूथ और सेक्टर के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाए थे, इस कारण 16 को फिर से बैठक बुलाई गई है। कई स्थानों से कार्यकर्ताओं ने कहा है कि वह सूचना नहीं मिलने की वजह से शामिल नहीं हो पाए थे। इस वजह से अलग से बैठक की तिथि निर्धारित की गई है।