स्मार्ट सिटी का बजट खपाने के लिए आनन-फानन जिला प्रशासन ने चौराहों के सौंदर्यीकरण का टेंडर तो जारी कर दिया पर वर्कआर्डर देने से पहले न जमीन चिह्नित की गई और न उसे खाली कराया गया। कागज में चौराहा सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट तैयार कर ठेकेदार को कार्य शुरू करने के आदेश जारी कर दिए गए। परिणाम, अब ठेकेदारों को न चौराहों पर लेफ्ट टर्न बनाने के लिए जमीन मिल रही और न सिग्लन पोल व ग्रील बॉल बनाने के लिए जगह। एेसे में ठेका एजेंसियां चौराहा चौड़ीकरण के नाम पर खानापूर्ति में जुट गई हंै। सर्किट हाउस चौराहा हो या सिविल लाइन, धवारी को या सेमरिया चौक किसी भी चौराहे पर तय की गई डिजाइन के तहत वर्क नहीं हो रहा। चौराहा चौड़ीकरण के नाम पर प्रशासन सरकारी धन का दुरुपयोग एवं शहर की जनता के साथ मजाक कर रहा है। इसकी पोल शुक्रवार को तब खुली, जब आयकर व सेंट्रल एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने सिविल लाइन चौराहे का चौड़ीकरण करने अपनी जमीन देने से मना कर दिया।
बैकफुट पर प्रशासन रात में तोड़ी दीवार, सुबह कराई फेंसिंगआयकर कार्यालय की बाउंड्रीवॉल निगम प्रशासन ने गुरुवार की रात चौराहा चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दी थी। शुक्रवार की सुबह जब आयकर व सेंट्रल एक्साइज के अधिकारियों ने दीवार गिराने का विरोध करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी दी तो निगम प्रशासन बैकफुट पर आ गया। अधिकारियों ने रात में तोड़ी गई दीवार की जगह तार लगाकर उसकी फेंसिंग कराने के निर्देश दिए। आयकर कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि निगम प्रशासन द्वारा बलपूर्वक विभाग की बाउंड्रीवाल तुड़वाई गई है। जबकि विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए दीवार गिराने की अनुमति नहीं दी गई थी।
कार्य रुका…खटाई में सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट सिविल लाइन चौराहे के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का वर्क आर्डर जारी हो चुका है। ठेकेदार ने कार्य भी शुरू कर दिया था, लेकिन आयकर विभाग के विरोध के बाद बैकफुट पर आए प्रशासन ने चौराहा चौड़ीकरण का कार्य फिलहाल बंद करा दिया है। निगम के जानकारों का कहना है कि यदि जिला प्रशासन ने जमीन विवाद को जल्द नहीं सुलझाया तो चौराहा सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट खटाई में पडऩा तय है?
नहीं कराया जमीन का भौतिक सत्यापन स्मार्ट सिटी बोर्ड के अधिकारियों ने पेन सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने एवं चौराहों को स्मार्ट बनाने शहर के 33 चौराहों के चौड़ीकरण एवं सांैदर्यीकरण का प्रस्ताव पास कर दिया। स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों ने चौराहों को स्मार्ट बनाने कागज में प्रोजेक्ट तैयार कर टेंडर भी जारी कर दिए, लेकिन प्रोजेक्ट के लिए चौराहों पर जमीन उपलब्ध है या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन नहीं कराया। परिणाम, ठेकेदारों को प्रोजेक्ट डिजाइन के अनुसार निर्माण कार्य के लिए चौराहों पर जगह नहीं मिल पा रही है। एेसे में ठेका एजेंसियां नक्शे के विपरीत कार्य कर शहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर कोरम पूरा करने में जुट गई हैं।