ऑक्सीजन की कमी के चलते हो सकती है प्रॉब्लम आई रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्दीकी कहते हैं कि जिस तरह शरीर के अन्य भागों को ऑक्सिजन की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह आंखों के लिए भी ऑक्सीजन बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन जब हम कांटेक्ट लेंस को अपनी आंखों पर लगाते हें तो तो यह पूरे कार्निया को कवर कर लेता है इसके कारण ऑक्सीजन आपकी आंखों तक नहीं पहुंचता और कई तरह की समस्या होने लगती हैं। आंखों में दर्द, धुंधला पन, लाल होना, आंसू आना, सूजन यहां तक की आंखों में अल्सर का खतरा हो सकता है। इससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है। आई एक्सपर्ट अनिल त्रिवेदी कहते हैं कि कांटेक्?ट लेंस आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्?योंकि लगातार इस्तेमाल से आंखों के आगे व पीछे की सतह पर बैक्?टीरिया व संक्रमण जनक घटक इक_े होते जाते हैं। कांटेक्ट लेंस को हर इस्तेमाल के बाद ठीक से साफ व विसंक्रमण करके इस ख़तरे को काफ ी हद तक कम किया जा सकता है। युवा अगर इस बात का ध्यान नहीं रखते तो उनका यह फैशन उन्हें काफी मुसीबत में डाल सकता है।
इस तरह रख सकते हैं ध्यान
– साफ हाथों से लैंस पहनें और उतारें। – कांटेक्ट लेंस स्टोरेज केस को सलूशन से साफ करके सूखा कर रखें।
– तीन महीने बाद स्टोरेज केस को बदल दें।
– साफ हाथों से लैंस पहनें और उतारें। – कांटेक्ट लेंस स्टोरेज केस को सलूशन से साफ करके सूखा कर रखें।
– तीन महीने बाद स्टोरेज केस को बदल दें।
– ज्यादा लंबे समय तक कंटेक्ट लेंस न पहनें, निश्चित अवधि के बाद इसे बदल लें।
– सिलिकॉन कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करना बेहतर है। इससे ऑक्सिजन का प्रवाह सामान्य रहता है, जिससे इंफेक्शन से बचाव रहेगा।
– सिलिकॉन कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करना बेहतर है। इससे ऑक्सिजन का प्रवाह सामान्य रहता है, जिससे इंफेक्शन से बचाव रहेगा।
– आंखों को लेकर जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। लाल, जलन, आंखों की सूजन और दर्द महसूस करें तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।