हुआ यह कि निगम के नेता प्रतिपक्ष शैलेन्द्र सिंह गुड्डू ने किसी पार्षद की सदस्यता संभागायुक्त द्वारा समाप्त किए जाने की जानकारी सदन से मांगी। इसका विरोध करते हुए पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष को घेर लिया। वार्ड दो के पार्षद शिवशंकर गर्ग ने कहा कि पार्षद को जनता ने चुना है, उसे कमिश्नर सस्पेंड नहीं कर सकते। यह जनहित का मुद्दा नहीं हैं। इसलिए इसे सदन में उठाना गलत है। इसी बात को लेकर पार्षद और नेता प्रतिपक्ष के बीच तू-तू मैं-मैं शुरु हो गई। हलांकि अध्यक्ष ने जवाब देते हुए कहा की किसी पार्षद की सदस्यता समाप्त करने संबंधी जानकारी अभी उन्हें नहीं मिली जानकारी होने पर ही कार्रवाई की जाएगी।
जब सदन में रो पड़ी राधा
जब सदन में रो पड़ी राधा
आधा घंटे की देरी से जैसे ही 12.30 बजे परिषद की बैठक शुरू हुई वार्ड पार्षद राधा श्रीवास्तव निगम प्रशासन पर वार्ड की उपेक्षा का अरोप लगाते हुए सदन में फफक-फफक कर दो पड़ीं। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले से उनके वार्ड की पांच फाइलंे निगम में अटकी हैं। न अधिकारी फाइल आगे बढ़ाते हैं और न निगमायुक्त उनकी बात सुनते। निगम प्रशासन की मनमानी से परेशान हैं। जब तक मेरे वार्ड की पांचों फाइलें स्वीकृत नहीं होंगी, मैं सदन नहीं चलने दूंगी। निगमायुक्त संदीप जीआर ने पार्षद के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह हर पार्षद और हर व्यक्ति की बात सुनते हैं। जहां तक फाइल पास न होने की बात है तो मैं उन्हें जल्द ही दिखवाते हुए पास कर दूंगा। विकार्स कार्य में देरी नहीं होगी।