इन्हीं सब बातों से परेशान होकर आधा सैकड़ा समर्थकों के साथ पार्षद नगर निगम के सामने मुंह पर काली पट्टी बांधकर धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद परिषद की बैठक में पार्षद प्रसेनजीत सिंह ने निगम अध्यक्ष अनिल जैसवाल के सामने एक पार्षद द्वारा निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठने की बात बताई है। फिर कमिश्नर संदीप जीआर सहित निगम अध्यक्ष अनिल जैसवाल पार्षद का ज्ञापन लेकर धरना तोड़वाया।
क्या है पार्षद के आरोप
विकास कार्यों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्षद गंगा प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि अगर मुझे पता होता की पार्षद के कहने से निगम के लोग काम नहीं करते तो मैं पार्षदी का चुनाव नहीं लड़ता। विगत समय से परिषद में सिर्फ टेंडर ही निकाले जाते है। दिखावे के लिए एजेंडा बनाया जाता है और भूमि पूजन भी हो जाता है। लेकिन जब ठेकेदार से बात की जाती है तो वह एक जवाब देता है कि मुझे इस काम में घाटा लग रहा है। मेरा कहना है कि ऐसे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेट कर देना चाहिए। हम लोग अपने वार्ड के लोगों को क्या जवाब दे कि निगम के कर्मचारी हमारी नहीं सुनते। सरकार कहती है हम को गांव को शहर बनाना है। लेकिन यह स्थित होती जा रही है कि शहर अब गांव से भी बदतर हो गया है। न तो मेरे वार्ड में अमृत योजना की पाइप लाइन बिछाई गई। बिजली के पोल लगा दिए गए लेकिन आज तक उसमें लाइट नहीं लगाई गई। पानी के लिए सबसे ज्यादा किल्लत है।
विकास कार्यों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्षद गंगा प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि अगर मुझे पता होता की पार्षद के कहने से निगम के लोग काम नहीं करते तो मैं पार्षदी का चुनाव नहीं लड़ता। विगत समय से परिषद में सिर्फ टेंडर ही निकाले जाते है। दिखावे के लिए एजेंडा बनाया जाता है और भूमि पूजन भी हो जाता है। लेकिन जब ठेकेदार से बात की जाती है तो वह एक जवाब देता है कि मुझे इस काम में घाटा लग रहा है। मेरा कहना है कि ऐसे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेट कर देना चाहिए। हम लोग अपने वार्ड के लोगों को क्या जवाब दे कि निगम के कर्मचारी हमारी नहीं सुनते। सरकार कहती है हम को गांव को शहर बनाना है। लेकिन यह स्थित होती जा रही है कि शहर अब गांव से भी बदतर हो गया है। न तो मेरे वार्ड में अमृत योजना की पाइप लाइन बिछाई गई। बिजली के पोल लगा दिए गए लेकिन आज तक उसमें लाइट नहीं लगाई गई। पानी के लिए सबसे ज्यादा किल्लत है।