दो साल भी नहीं चली मशीन
जिला अस्पताल के नैदानिक केंद्र में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2013 में सीटी स्कैन मशीन लगाई गई थी, जो बड़ी मुश्किल से दो साल तक चल सकी। वर्ष 2015 से मशीन लगातार खराब चल रही थी। लिहाजा सरकारी स्तर पर किए गए प्रयास से आम मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब आउटसोर्स के माध्यम से सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला अस्पताल के नैदानिक केंद्र में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2013 में सीटी स्कैन मशीन लगाई गई थी, जो बड़ी मुश्किल से दो साल तक चल सकी। वर्ष 2015 से मशीन लगातार खराब चल रही थी। लिहाजा सरकारी स्तर पर किए गए प्रयास से आम मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब आउटसोर्स के माध्यम से सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।
मरम्मत नहीं करा पा रहा था अस्पताल
गौरतलब है जुलाई 2015 में सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई थी। मशीन को कई बार बनवाया गया, मगर फिर खराब हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी सीटी स्केन के मरम्मत कराने से पीछे हट गया। वहीं बताया जाता है कि इंजीनियरों ने मशीन को बनाने के लिए साढ़े 3 लाख रुपए का खर्चा बताया था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस पर अमल नहीं किया।
गौरतलब है जुलाई 2015 में सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई थी। मशीन को कई बार बनवाया गया, मगर फिर खराब हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी सीटी स्केन के मरम्मत कराने से पीछे हट गया। वहीं बताया जाता है कि इंजीनियरों ने मशीन को बनाने के लिए साढ़े 3 लाख रुपए का खर्चा बताया था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस पर अमल नहीं किया।
51 जिलों में काम
अब प्रदेश में 51 जिलों के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने की जिम्मेदारी रायपुर की कंपनी को दी गई है। मशीन लगाने के साथ-साथ ये ही मरीजों का सिटी स्कैन करेंगे, जबकि मरीज सरकार द्वारा निर्धारित फीस चुकाकर अपनी जांच करा सकेगा। सामान्य राशनकार्ड धारी मरीज को सिटी स्कैन कराने के लिए 22 सौ चुकाने होंगे। बीपीएल के लिए फिलहाल कोई गाइडलाइन नहीं आई है।
अब प्रदेश में 51 जिलों के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने की जिम्मेदारी रायपुर की कंपनी को दी गई है। मशीन लगाने के साथ-साथ ये ही मरीजों का सिटी स्कैन करेंगे, जबकि मरीज सरकार द्वारा निर्धारित फीस चुकाकर अपनी जांच करा सकेगा। सामान्य राशनकार्ड धारी मरीज को सिटी स्कैन कराने के लिए 22 सौ चुकाने होंगे। बीपीएल के लिए फिलहाल कोई गाइडलाइन नहीं आई है।