बता दें कि सतना पुलिस डकैत गौरी की गिरफ्तारी के लिए दो महीने से तलाशी अभियान चला रही है। यही नहीं यूपी पुलिस भी अलग से डकैत गौरी की तलाशी में जहां-तहां दबिश दे रही है। इस दौरान डकैत गौरी व संपत कोल गिरोह के मददगार तो पकड़े गए पर वो नहीं मिला। आगामी चुनाव में गौरी यादव से आसन्न खतरे के मद्देनजर पुलिस द्वारा यह अभियान लगातार चला रही है लेकिन गौरी यादव को पकड़ने में अब तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं।
दस्यु सरगना गौरी यादव के ऊपर सरकार ने डेढ़ लाख का इनाम घोषित कर रखा है। लेकिन उसका खौफ इतना है कि गांव के लोग और उसके जानकार इसकी सूचना नहीं देते। इसके मद्देनजर पुलिस भी सूचना तंत्र विकसित करने और मुखबिर तैयार करने में जुटी है। बताया जा रहा है कि गांव के लोगों को इसकी जानकारी होती भी है तो भी वे उसके खौफ के कारण पुलिस को कुछ नहीं बताते। बता दें कि पूर्व में भी मुखबरी के शक में गौरी यादव गैंग ग्रामीणों पर हमला भी कर चुका है जिसके कारण लोग पुलिस के सामने कुछ बताने में हिचकिचाते हैं।
पुलिस अधीक्षक सतना के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे दस्यु उन्मूलन के तहत रक्षित निरीक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा, सूबेदार खुसराम एवं थाना प्रभारी नयागांव एवं मझगवां की पुलिस के पचास जवानों के साथ तीनों टीमों ने डकैत गौरी यादव के भ्रमण वाले क्षेत्रों की एवं रास्तों की जानकारी लेकर सतिअनुसूया, दादरी, माडा डेम एवं लखन पुर के जंगलों की सर्चिंग एवं कॉम्बिंग कर एरिया डोमिनेशन किया गया। इस दौरान तराई में बसे ग्रामीणों एवं खेतों में बसे लोगों से एवं चरवाहों, राहगीरों से जानकारियां प्राप्त कर, डकैत गोरी यादव के गांव ग्राम बेलहरी जा कर ग्रामीणों से एवं गोरी की मां (सरपंच) से चर्चा कर परिवार रिश्तेदारों की जानकारी प्राप्त की गईं। बताया जा रहा है कि सतना पुलिस द्वारा जंगलों में यह सर्चिंग लगातार जारी रहेगी।