सतना

एनकाउंटर के डर से नामी डकैत ने किया सतना कोर्ट में सरेंडर

10 हजार का इनामी डकैत नवल धोबी। ललित पटेल गिरोह का सदस्य भी रह चुका था।

सतनाFeb 10, 2018 / 02:38 pm

राजीव जैन

Dacoit naval Dhobi surrender in Satna Court

सतना. विंध्य की औद्योगिक नगरी सतना जिला दस्यु समस्या के लिए भी पहचाना जाता है। इसके एक बड़े हिस्से पर आज भी डकैतों का राज चलता है। पर मध्यप्रदेश और यूपी में डकैतों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद अब डकैत भागते फिर रहे हैं। अब हर किसी को अपने एनकाउंटर का डर सताने लगा है। शनिवार को 10 हजार के इनामी डकैत नवल धोबी ने शनिवार को सतना के अपर विशेष न्यायाधीश एडी एक्ट की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके एडवोकेट उदय सिंह चंदेल ने लिखित में इसका आवेदन दिया। इसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इधर उनके वकील का आरोप है कि एडीजे लोकअदालत में थे इस दौरान एजीपी ने उन्हें कोर्ट में सरेंडर कराने के बाद भी पुलिस को सौंप दिया।
गौरतलब है कि नवल थरपहाड़ स्कूल से घर लौट रहे शिक्षक फूल सिंह गोड़ और अतिथि शिक्षक पप्पू पटेल उर्फ पुष्पेन्द्र पटेल का अपहरण कर 10 लाख की फिरौती की मांग करने की वारदात कर हाल ही में चर्चा में आया था। नवल धोबी पहले पुलिस एनकांउटर में मारे जा चुके 50 हजार के इनामी डकैत ललित पटेल गिरोह में रह चुका है। ललित के साथ कई वारदातों में साथ रहने के कारण नवल के ऊपर पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया। हालांकि बीच में अदावत होने पर नवल ने ललित का साथ छोड़ दिया। ललित का साथ छोडऩे के बाद नवल काफी समय तक जंगल से दूर रहा। नवल के ऊपर तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। नवल ने अपने साथियों के साथ दो चरवाहों का अपहरण कर फिरौती की रकम वसूली थी परन्तु डकैत नवल के कब्जे से छूटने के बाद चरवाहों और उनके परिजनों ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। नवल धोबी मूलत: नयागांव थाना इलाके के दस्यु प्रभावित सेजवार गांव का है। पौसलहा गांव में डकैत नवल की ननिहाल है।
 

चित्रकूट उपचुनाव से पहले सीएम ने पुलिस को दिया फ्री हैंड
हर साल नए डकैत गिरोह बनते हैं और खत्म होते हैं। तराई की पहचान आतंक व जंगल से जुड़ी हुई है। ददुआ, बलखडिय़ा, ठोकिया, सुंदर जैसे दस्यु सरगना लम्बे समय तक आतंक का पर्याय रहे। डकैत व पुलिस का खेल डाल-डाल पात-पात जैसा रहा है। दस्यु सरगना ललित पटेल बहुत कम समय में आतंक का पर्याय बना तो साढ़े छह लाख के इनामी दस्यु बबुली ने सपा नेता के बेटे और रेलकर्मी का अपहरण कर सनसनी फैला दी। तीन ग्रामीणों का अपहण कर जिंदा जलाने की घटना, स्कूल से हेडमास्टर के अपहरण की वारदात ने हडक़ंप मचा दिया। ग्रामीण पलायन को मजबूर हो गए। स्थिति की नजाकत को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चित्रकूट उपचुनाव के दौरान मझगवां की सभा में पुलिस को फ्री हैंड किया। यूपी एसटीएफ ने गोप्पा को गिरफ्तार किया, तो यूपी पुलिस ने बबुली गैंग की कमर तोडक़र रख दी।

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